BT Fact Check: ‘UP में 50 की उम्र पार कर चुके पुलिसकर्मियों को किया जाएगा जबरन रिटायर’, जानें वायरल मैसेज की सच्चाई

 

सकुशल चुनाव संपन्न होने के बाद यूपी पुलिस काफी राहत महसूस कर रही थी, कि इसी बीच सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल होने लगा कि अब चुनाव संपन्न होने के बाद योगी सरकार ने यूपी पुलिस को बड़ा तोहफा दिया है। जिसके अंतर्गत अब यूपी पुलिस के जवानों को जबरन 50 की उम्र में ही रिटायर किया जाएगा। ये मैसेज वायरल होते ही सोशल मीडिया पर हड़कंप मच गया। हर कोई इसकी सच्चाई जानना चाहता था। जिसके बाद अब यूपी पुलिस ने खुद सामने आकर अफवाह का खंडन किया है। इसके साथ ही लोगों से भी ये अपील की है कि वो इस तरह की अफवाह को फैलाने से बचें।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ ये मैसेज

जानकारी के मुताबिक, सोशल मीडिया पर रविवार को उत्तर प्रदेश सरकार का एक आदेश वायरल हुआ है। इसमें कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार पुलिस कर्मियों को 50 साल में ही जबरन रिटायर करेगी। साथ ही यह भी बताया गया है कि स्क्रीनिंग के बाद पुलिस कर्मियों को जबरन रिटायरमेंट दी जाएगी। इसके लिए जल्द ही स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया जाएगा। वायरल संदेश में एडीजी कार्मिक का आदेश भी संलग्न किया गया है। इस मैसेज के बाद यूपी पुलिस के जवानों में हड़कंप मच गया। लोग यूपी पुलिस को टैग करके इसकी सच्चाई पूछने लगे।

यूपी पुलिस ने बताई सच्चाई

मामला बढ़ने के बाद अब यूपी पुलिस ने ट्वीट करके इस बात का खंडन किया। यूपी पुलिस ने अपने टि्वटर हैंडल से दिए जवाब में कहा है कि अक्षम पुलिस कर्मियों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति हेतु वर्ष 26 अक्टूबर 1985 में शासनादेश जारी हुआ था। इसके तहत सभी विभागों में अक्षम सरकारी कर्मचारियों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति के प्रक्रिया की जाती है। इस प्रक्रिया के अंतर्गत ऐसे कार्मिकों की स्क्रीनिंग की जाती है, जिनकी आयु 50 वर्ष हो गई है और उनकी सत्य निष्ठा संदिग्ध है तथा कार्य एवं आचरण भी शासन व विभागीय हित के अनुकूल नहीं है।

शासनादेश के क्रम में गठित स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा विचारोपरांत ऐसे नामों पर विचार किया जाता है, जिनका सेवा में बने रहना विभाग के हित में नहीं हैं और जिन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति के योग्य समझा गया है। उपरोक्त शासन आदेश के क्रम में ही पुलिस मुख्यालय द्वारा यह सूचना हर साल मंगाई जाती है। कुछ जनपदों और विभिन्न शाखाओं से सूचना प्राप्त न होने पर उपरोक्त शासनादेश के क्रम में ही पुलिस मुख्यालय द्वारा सूचना मांगी गई थी। इस सूचना को आधार बनाते हुए भ्रामक खबरें फैलाई जा रही हैं, जिसका पुलिस मुख्यालय खंडन करता है।

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