युवकों का आरोप- मुसलमान होने के वजह से फ्लैट खाली करने को कहा गया

 

कोलकाता के कुड्डाघाट इलाके में एक फ्लैट में रहने वाले चार डॉक्टरों ने आरोप लगाया है कि मुस्लिम होने के कारण उनके पड़ोसियों द्वारा फ्लैट खाली करने के लिए मजबूर किया जा रहा है. कोलकाता के विभिन्न अस्पतालों में ट्रेनिंग कर रहे मोहम्मद अफताब आलम मोजताब हसन, नासिर शेख और शौकत शेख ने उस वक्त राहत की सांस ली थी जब फ्लैट ढूंढ़ते वक्त उनकी मुलाकात सुदिप्त मित्रा से हुई. सुदिप्त को उनसे किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं थी और उन्होने चारों डॉक्टरों को अपना फ्लैट किराए पर दे दिया.

 

बेलीघाटा संक्रामक रोग हॉस्पिटल में ट्रेनिंग कर रहे आलम ने बताया, “हम शांति से रह रहे थे लेकिन पड़ोसियों ने हमारे इस जगह में रहने का कई बार विरोध किया. मंगलवार को स्थिति खराब हो गई जब हमारा एक दोस्त नॉर्थ बंगाल से इंटरव्यू के लिए यहां आया और रात में हमारे साथ रहा. पड़ोसियों ने उसे आईडी प्रूफ दिखाने को कहा और उसके साथ दुर्व्यवहार किया. बहुत से लोगों ने पहले ही हमें हमारे धर्म के कारण घर किराए से देने से मना कर दिया था, बहुत खोजने के बाद हमें यह फ्लैट मिला था.”

 

आलम ने बताया, ”हमें लोगों के सामने अपमानित किया गया और हमें यहां ले जाने के लिए कहा. मैंने उनसे कहा कि उनके पास धर्म की वजह से हमारे साथ ऐसा व्यवहार करने का कोई अधिकार नहीं है.”

 

आलम ने बताया कि हमने अपनी यह समस्या ट्विटर पर साझा की, जिसके बाद संघाती अभिजन नाम के एक एनजीओ का ध्यान इसपर पड़ा. एनजीओ की ओर से द्विपयन मुखर्जी ने बुधवार को पड़ोसी से बात की और मामला हल हो गया. उन्होंने कहा कि डॉक्टर ट्रीटमेंट करने से पहले कभी भी मरीज का धर्म नहीं पूछता.

 

फ्लैट के मालिक सुदीप्ता मित्रा ने अपने किराएदारों के साथ किए गए अपमानित व्यवहार पर दु:ख जताते हुए कहा, ”मैं किराएदारों और उन लोगों से मिलूंगा जिन्होंने यह मुद्दा उठाया. मैं जानना चाहता हूं कि उनकी समस्या क्या है. मैंने पड़ोसियों से इस बार में बात की थी लेकिन उन्होंने कहा कि मामला सुलझ गया है, लेकिन मैं एकबार व्यक्तिगत रूप से उनसे मिलना चाहता हूं.”

 

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