यूपी में BJP का OBC दांव, कर्पूरी ठाकुर के नाम पर हर जिले में होगी सड़क

2019 के लोकसभा चुनाव में यूपी के अंदर भाजपा का विजय रथ रोकने के लिए जहां सपा-बसपा और आरएलडी हाथ मिलाकर मैदान में उतरने को तैयार हैं,तो वहीं भगवा खेमा भी इस गठबंधन से मुकाबले की रणनीति बनाने में जुट गया है. गोरखपुर, फूलपुर और कैराना लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में मिली हार के बाद भाजपा ने 2019 से पहले यूपी के गैर-यादव ओबीसी वोटों को साधने के लिए एक खास रणनीति बनाई है. यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने लखनऊ में इस नई रणनीति का ऐलान किया.

 

भाजपा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर की छवि के जरिए यूपी में गैर-यादव ओबीसी वोटों को पार्टी के पक्ष में लाने का प्रयास करेगी. इसी योजना के तहत यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने गुरुवार को राजधानी लखनऊ में ऐलान किया कि सरकार प्रदेश के हर जिले में कम से कम एक सड़क का नाम कर्पूरी ठाकुर के नाम पर रखेगी. आपको बता दें कि कर्पूरी ठाकुर का निधन 1988 में हुआ था और उनकी पहचान बिहार में अति पिछड़े वर्ग के राजनीतिक आंदोलन के मुख्य शिल्पकार के रूप में रही है.

 

बीजेपी ने यूपी में ओबीसी के हर जाति का सम्मेलन शुरू किया है. इसी कड़ी में गुरुवार को लखनऊ में पिछड़ा मोर्चा सम्मेलन का आयोजन किया गया था. इसमें प्रदेश के हर जिले से नाई समाज के दस-दस प्रतिनिधि आए थे.

 

बीजेपी के अंदर एसपी और बीएसपी महागठबंधन को लेकर खलबली मची हुई है. पिछले कुछ दिनों से इसकी सुगबुगाहट से ही बीजेपी नेताओं में खलबली मची हुई है. बीजेपी यह जानती है कि सवर्णों का साथ है, लेकिन सिर्फ सवर्ण वोटों के सहारे सत्ता में वापसी संभव नहीं है.

 

यूपी में ओबीसी बीजेपी के कोर वोटर्स रहे हैं. अगर एसपी और बीएसपी का गठबंधन बनेगा तो इस वर्ग में सेंध लगेगी. ऐसे में बीजेपी कर्पूरी ठाकुर जैसे उन तमाम नेताओं के नाम को भुनाने में जुट गई है, जिसे एसपी और बीएसपी ने अपने शासनकाल में भुला दिया था. माना जा रहा है कि अतिपिछड़ा वर्ग में बीजेपी की छवि बेहतर होगी.

 

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