महाराष्ट्र हिंसा: आरक्षण की मांग पर आत्महत्या करने वाले युवक के लिए लोग माँग रहे है शहीद का दर्ज़ा

 

सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर महाराष्ट्र के कई जिलों में मराठों का आंदोलन तेज हो गया है। कल ही एक युवक ने औरंगाबाद में गोदावरी नदी में कूदकर अपनी जान दे दी। युवक की खुदकुशी के बाद आरक्षण आंदोलन और भड़क उठा, कई जिलों में लोगों ने प्रदर्शन किया और गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया, आज मराठा आंदोलनकारियों ने मुंबई और ठाणे को छोड़कर पूरे महाराष्ट्र में बंद बुलाया है। हिंसक घटनाओं को देखते हुए स्टेट ट्रांसपोर्ट विभाग ने औरंगाबाद से पुणे के बीच बस नहीं चलाने का फैसला किया है।

 

 

 

 

इससे पहले कल परभनी जिले के गंगाखेद तहसील में प्रदर्शनकारियों ने अहमदनगर-औरंगाबाद राजमार्ग जाम कर दिया और पुलिस वाहन और बस समेत कई वाहनों को नुकसान पहुंचाया। प्रदर्शनकारियों ने मराठों के लिए तत्काल 16 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा और जान गंवाने वाले युवक शिंदे के परिवार के लिए 50 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की है।

 

 

सोमवार शाम शिंदे के परिजनों ने उसका शव लेने से इंकार कर दिया और कई संगठनों ने फडणवीस के इस्तीफे की मांग करते हुए काईगांव (औरंगाबाद), कोल्हापुर में इचलकरंजी में सड़क मार्ग अवरुद्ध कर दिए और ठाणे में फडणवीस के पुतले पर टमाटर फेंके। कई मराठा संगठनों ने नौ अगस्त को अगस्त क्रांति मनाते हुए महाराष्ट्र बंद की घोषणा की है, मराठा क्रांति मोर्चा ने राज्य सरकार से दत्तात्रेय शिंदे को शहीद का दर्जा देने की मांग करते हुए मुंबई-पुणे राजमार्ग को बाधित कर दिया। मोर्चा ने शिंदे को शहीद का दर्जा देने के साथ-साथ मृतक के परिजनों को 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद तथा उसके भाई को सरकारी नौकरी देने की मांग की।

 

 

पुणे पहुंचे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने मराठा आंदोलन के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को जिम्मेदार ठहराया है, उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने खुद आरक्षण देने का वादा किया था और आज मुकर रहे हैं।