मोदी सरकार के कार्यकाल में “स्विस बैंकों” में भारतीयों का काला धन 80% घटा

 

केंद्र सरकार ने स्विस बैंकों में भारतीयों के काला धन बढ़ने की खबरों को गलत करार दिया है। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने आज यानी मंगलवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में स्विस नेशनल बैंक (एसएनबी) की आधिकारिक प्रतिक्रिया के हवाले से कहा कि स्विस बैंक खातों में भारतीयों की जमा रकम पिछले एक साल में घटी है।

उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में यह राशि 34.5 प्रतिशत घटी है, जबकि साल 2013 से 2018 तक स्विस बैंकों में भारतीयों के खातों में जमा राशि में 80 प्रतिशत तक कमी दर्ज की गई है। हालांकि इस पर सदन में विपक्षी दलों के हंगामे के कारण सभापति एम वैंकेया नायडू ने बैठक दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

 

 

आईएनएलडी के सांसद राम कुमार कश्यप ने हालिया मीडिया रिपोर्ट्स में स्विस बैंकों में भारतीयों के जमा काले धन में पिछले एक साल में 50 प्रतिशत तक बढ़ोतरी का हवाला देते हुए सरकार से इस बारे में आधिकारिक जानकारी देने और इससे निपटने के लिए किए जा रहे उपायों के बारे में पूछा था। इस पर वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार ने उस मीडिया रिपोर्ट की एसएनबी से पुष्टि करने के लिए पत्र लिखा था। जिसके जवाब में एसएनबी ने भारतीय मीडिया में आई रिपोर्ट को गलत विश्लेषण बताकर इसका खंडन किया।

 

 

 

पीयूष गोयल ने बताया कि एसएनबी ने स्विस बैंकों में जमा भारतीय खातेदारों की राशि में कमी आने की पुष्टि की है, उन्होंने कहा, ‘बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स के सहयोग से एसएनबी द्वारा एकत्र आंकड़े दर्शाते हैं कि 2017 में स्विस बैंकों में भारतीयों के, बैंकों के अलावा अन्य ऋण और जमा राशि में 2016 की तुलना में 34.5 प्रतिशत की कमी आई है।  इसके अलावा 2013 से 2017 के बीच भारतीयों के स्विस गैर बैंक ऋणों और जमा राशि में 80.2 प्रतिशत की कमी आई है।’

 

 

वित्त मंत्री ने कहा कि नई संधि के तहत 1 जनवरी, 2018 के बाद स्विस बैंकों में भारतीयों के लेन-देन की जानकारी सरकार को खुद-ब-खुद मिल जाएगी और इसे मांगना नहीं पड़ेगा।

 

 

 

 

 

देखे: मंत्री पियूष गोयल ने काले धन के ऊपर संसद परिसर में मीडिया को संबोधित किया-