अपनी निर्धारित ड्यूटी की जगह से दूर श्रीनगर की स्थानीय महिला के साथ दोस्ती करनेवाले विवादास्पद आर्मी मेजर गोगोई को कोर्ट मार्शल का सामना करना पड़ सकता है। मेजर लीतुल गोगोई को इस साल मई में श्रीनगर के एक होटल से पुलिस ने हिरासत में लिया था।
पूरे मामले से वाकिफ एक अधिकारी ने बताया कि कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी में मेजर गोगोई को हिदायत के बावजूद स्थानीय महिला के साथ दोस्ती करने और ड्यूटी में तैनाती के वक्त वहां से उन्हें दूर पाने का दोषी पाया गया। उनका व्यवहार सेना के मानदंड के खिलाफ है।
नाम न बताने की शर्त पर अधिकारी ने बताया कि अनुशासनात्मक कार्रावई शुरू करने का आदेश दे दिया गया है। इन्क्वायरी एक ब्रिगेडियर की तरफ से की गई। जांच के सभी तथ्यों की को श्रीनगर हेडक्वार्टर के 15 कॉर्प्स के जनरल कमांडिंग ऑफिसर ने स्वीकृति दी। जानकारों का कहना है कि अनुशासनात्मक कार्रवाई के तौर पर जनरल कोर्ट मार्शल किया जाएगा।
गोगोई पिछले साल उस वक्त विवादों के दलदल में फंस गए जब उन्होंने अपने पत्थरबाजों से बचने के लिए एक कश्मीरी युवक को जीप के बोनट पर बांध दिया था। इस घटना की घाटी के लोगों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और राजनेताओं ने कड़ी निंदा की थी। हालांकि, बाद में गोगोई को काउंटर इंसर्जेंसी ऑपरेशन के चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ के कमांडेशन कार्ड से नवाजा गया था।
पुलिस ने 23 मई को एक विवाद के बाद गोगोई को हिरासत में लिया था। वह 18 वर्षीय महिला के साथ श्रीनगर के एक होटल में कथित तौर पर घुसने की कोशिश कर रहे थे। इसके कुछ दिन बाद सेना ने इस घटना की कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश दिए। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने पहलगाम में कहा था कि अगर गोगोई को ”किसी भी अपराध में दोषी पाया जाता है तो कठोर सजा दी जाएगी।
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