बीते बुधवार को सोशल पर एक फर्जी आदेश (fake letter) की कॉपी वायरल हुई, जिसमें ये लिखा था कि पुलिसकर्मियों के वेतन में बढ़ोत्तरी हुई है. कई जगह इसकी खबर भी प्रसारित की गयी लेकिन कुछ समय बाद ही प्रशासन की तरफ से इस बात का खंडन कर दिया गया. सोशल मीडिया पर जो लेटर वायरल हो रहा है वो फर्जी है. इस मामले में सचिवालय संघ के अध्यक्ष यादवेंद्र मिश्र ने शासन की भाषा में ऐसी फर्जी सूचनाएं सोशल मीडिया पर वायरल होने पर नाराजगी जताई है.
ये लेटर हुआ था वायरल
इस लेटर में लिखा था कि 1900 ग्रेड पे प्राप्त करने वाले कर्मचारियों को अब 2400 रुपये इसी के साथ पुलिस कांस्टेबल, पटवारी और समक्षक पदों के कर्मचारियों के मूल वेतन में 500 रूपये की बढ़ोत्तरी की गयी है.
कर्मचारियों के मुताबिक इस सूचना को उन्होंने इलेक्ट्रानिक मीडिया पर देखी है. इलेक्ट्रानिक मीडिया पर कर्मचारियों को तोहफा आदि कैचवर्ड के माध्यम से ऐसी खबरें आने के बाद कर्मचारियों ने एक-दूसरे को फोन कर इस सच्चाई को जानने की कोशिश शुरू कर दी थी.
शासनादेश की तर्ज पर पांच पेज में जारी इस प्रेस विज्ञप्ति में तमाम ऐसी मांगों को पूरा करने का जिक्र भी है, जिसका लाभ पूर्व से ही राज्य कर्मचारियों को मिल रहा है. प्रेस विज्ञप्ति की शुरुआत में ही इस बात का जिक्र है कि प्रमुख सचिव वित्त की अध्यक्षता में गठित समिति की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने कई फैसले लिए हैं. यदि ऐसा होता तो यह कैबिनेट से स्वीकृत होता। .
सचिवालय संघ के अध्यक्ष ने जताई नाराजगी
इस मामले में सचिवालय संघ के अध्यक्ष यादवेंद्र मिश्र ने शासन से मांग की है कि सूचना निदेशक इसे संज्ञान में लेते हुए मामले में प्राथमिकी दर्ज कराएं . इस विज्ञप्ति के कारण प्रदेश भर के कर्मचारियों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है.
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