बुलंदशहर जिले में एक महिला दारोगा का शव फांसी के फंदे से लटका मिला। जिसके बाद ना सिर्फ उनके घर बल्कि महकमे में भी हड़कंप मच गया। शव को पीएम के बाद उनके पैतृक घर में भेज दिया है। वहीं दूसरी तरफ पुलिस ने मौके से सुसाइड नोट व मृतका का मोबाइल फोन बरामद कर शव को पोस्टमार्टम को भेज दिया था। ऐसा अंदेशा लगाया जा रहा है कि मोबाइल का लॉक खुलने के बाद ही मामले ने कुछ खुलासा हो सकता है।
फोन से हो सकता है खुलासा
जानकारी के मुताबिक, शव मिलने की सूचना पर पुलिस टीम तुरन्त ही घटना स्थल पर पहुंच गई। पुलिस को मौके से सुसाइड नोट और मोबाइल फोन बरामद हुआ। ऐसा कहा जा रहे कि मोबाइल में उनकी मौत का राज छिपा हो सकता है। मोबाइल लॉक होने की वजह से पुलिस तुरंत किसी कॅल व रिकॉर्डिंग आदि की जानकारी हासिल नहीं कर सकी है। जल्द ही मोबाइल का लॉक खोलकर कई बड़ी बातों का खुलासा पुलिस कर सकती है।
मृतका आरजू पवार 2015 बैच की एसआई है। वह शामली की रहने वाली थी, कमरे से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जिसमें सब इंस्पेक्टर ने लिखा है कि “यह मेरी करनी का फल है।” हालांकि पुलिस पूरे मामले की जांच पड़ताल में जुटी है। आरजू पंवार वर्ष 2015 में पुलिस विभाग में दारोगा के पद पर तैनात हुई थी।
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लोग नहीं कर पा रहे यकीन
करीब ढाई साल से दारोगा आरजू पंवार अनूपशहर कोतवाली में तैनात थी। आरजू पंवार नेहरूगंज में नीरज शर्मा के मकान में तीसरी मंजिल पर किराए के कमरे में रहती थी। वहीं उनका शव फांसी के फंदे पर लटका मिला है। सरल स्वभाव की उपनिरीक्षक आरजू पवार अपना जीवन इस तरह से खत्म कर लेंगी, इसका किसी भी पुलिसकर्मी को विश्वास नहीं हो रहा है।
महिला दारोगा के साथियों ने बताया कि शुक्रवार के दिन यानी एक जनवरी को दारोगा बेहद खुश थीं। उन्होंने अपने साथियों संग खूब हंसी-मजाक भी किया। कोतवाली के मेस में अच्छा खाना भी बनावाया। सभी ने मिलकर नए साल का जश्न मनाया था। वहीं अगले महीने उनकी शादी भी थी।
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