अलकायदा आतंकवादी (Al Qaeda Terrorists) बड़े शहरों को टारगेट करने के साथ ही छोटे शहरों में भी स्लीपर सेल (Sleeper Cell) तैयार कर रहे हैं। एटीएस ने कानपुर में अब तक 27 संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की है। इनमें से तीन को छोड़कर बाकी 24 को इस शर्त पर रिहा किया गया है कि जांच के दौरान वे शहर छोड़कर नहीं जाएंगे। छोड़े गए लोगों की निगरानी सुरक्षा एजेंसियां और स्थानीय पुलिस करेगी।
संदिग्धों में प्रोफेसर और बिल्डर भी शामिल
एटीएस ने अलकायदा से जुड़े अंसार गजवातुल हिंद के पांच आतंकियों को गिरफ्तार किया है। इनके कानपुर से करीबी रिश्ते सामने आए हैं। संगठन का राष्ट्रीय कमांडर उमर हलमंडी भी पूर्व में कानपुर का दौरा कर चुका है। पांचों आतंकियों से मिले इनपुट और मोबाइल फोन कॉल रिकॉर्ड के आधार पर कानपुर में 27 लोगों से पूछताछ की गई है। इसमें एक विश्वविद्यालय का प्रोफेसर, बिल्डर व कुछ बड़े अपराधी भी शामिल है।
एटीएस सूत्रों के मुताबिक, चमनगंज के एक हिस्ट्रीशीटर और उसके दो साथियों को छोड़कर बाकी सभी को रिहा कर दिया गया है। इन तीनों को इसलिए रिहा नहीं किया गया, क्योंकि बताया जा रहा है कि तीनों मिनहाज अहमद व शकील के संपर्क में थे। असलहा व बारूद की सप्लाई का ठेका इन्हें ही दिया गया था। छोड़े गए लोगों के आधार कार्ड, पासपोर्ट, पैन कार्ड आदि आवश्यक दस्तावेज अभी एटीएस के पास हैं। सूत्रों के मुताबिक, यह लोग जाजमऊ, चकेरी, लालबंगला, मछरिया, बेकनगंज और कल्याणपुर क्षेत्रों के रहने वाले हैं।
छोटे शहरों में सतर्कता बढ़ाने के निर्देश
पता चला है कि अभी तक बड़े शहरों को टारगेट करने वाले आतंकवादी अब छोटे शहरों में भी स्लीपर सेल तैयार कर रहे हैं। धर्मांतरण का मामला हो या फिर आतंकियों की गिरफ्तारी, दोनों ही मामलों में मंडल के फतेहपुर और औरैया जिले तक आंच पहुंची। उन्नाव में भी आतंकी दस्तक की सूचना है। एक पुलिस अफसर के अनुसार, इसीलिए अब छोटे शहरों में एटीएस और लोकल इंटेलीजेंस यूनिट (एलआईयू) को सतर्कता बढ़ाने के लिए कहा गया है। इसके बाद से छोटो शहरों में सक्रियता बढ़ाई गई है।
यूपी में लखनऊ, कानपुर, मेरठ, बरेली, वाराणसी, प्रयागराज, आगरा, नोएडा, मुजफ्फरनगर जैसे बड़े शहरों में ही आतंकी घटनाएं या सक्रियता देखने को मिलती रहीं हैं। पिछले कुछ सालों में राष्ट्रविरोधी तत्व छोटे शहरों की ओर भी रुख कर रहे हैं। मतांतरण, लव जिहाद और अलकायदा आतंकवादियों की गिरफ्तारी के मामले इसकी बानगी हैं। लव जिहाद की जड़ लगभग हर छोटे-बड़े शहर में मिली। वहीं, मतांतरण के मामले में उमर गौतम को लेकर फतेहपुर का नाम भी चर्चा में है। अलकायदा आतंकवादियों की गतिविधियां कानपुर नगर के अलावा औरैया, फतेहपुर, कानपुर देहात तक मिली हैं।
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )