दुनिया की सबसे खतरनाक महामारी यूपी में बैकफुट पर है. देश के कई राज्यों में कोहराम मचा रहे कोरोना (Corona) का दांव सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के ‘ट्रिपल टी’ फार्मूले के सामने फेल हो गया. ट्रेस,टेस्ट और ट्रीट के मूल मंत्र के जरिये योगी सरकार ने यूपी में कोरोना की सबसे मजबूत घेरेबंदी कर दी है. पिछले 21 दिन में कोरोना के मामलों में 2.15 लाख की कमी इसकी गवाही दे रही है. देश और दुनिया में कोविड मैनेजमेंट का योगी माडल एक बार फिर चर्चा में है.
एक दिन सबसे ज्यादा टेस्ट करने वाला राज्य बना UP
देश का सबसे बड़ा और सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य होने के बावजूद कोरोना के सबसे कम केस वाले प्रदेशों की सूची में है. यूपी का योगी मॉडल देश के दूसरे राज्यों को कोरोना से निपटने की सफल राह दिखा रहा है. योगी सरकार ने टेस्टिंग में नया रिकार्ड बनाया है. एक दिन में सबसे ज्यादा 3.07 लाख टेस्ट करने वाला यूपी देश का पहला राज्य है. कोरोना की रफ्तार पर ब्रेक लगाने के लिए योगी सरकार ने ग्रामीण इलाकों में सबसे ज्यादा टेस्ट किए. शहरी इलाकों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड टेस्ट की संख्या 65 फीसदी अधिक रही.
आक्रामक टेस्टिंग रणनीति रही कारगर
निगरानी समितियों के 4 लाख सदस्यों के जरिये गांवों में कोरोना को घर घर ट्रेस कर राज्य सरकार ने 31 मार्च से 22 मई तक लगभग 75 लाख कोविड टेस्ट किए. आंकड़ों के मुताबिक 31 मार्च से 18 मई के बीच प्रदेश में कुल 10726406 कोविड टेस्ट किए गए. इनमें से 3680518 टेस्ट शहरी इलाकों में किए गए. जबकि ग्रामीण इलाकों में इस दौरान कोविड टेस्ट की संख्या 7045888 थी. टेस्टिंग की आक्रामक रणनीति के तहत यूपी में हर दिन टेस्ट का आंकड़ा बढ़ता रहा जबकि दिल्ली, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में केस बढ़ने पर टेस्ट कम किए गए..
शहर के साथ ग्रामीण इलाकों में आक्रामक टेस्टिंग की रणनीति को अंजाम देने के लिए राज्य सरकार ने लैबों की क्षमता में वृद्धि की है. इसके तहत प्रदेश की लैबों में कुल 51 नयी आरटीपीसीआर मशीनें, 35 सेमी आटोमेटिक डीएनए एक्स्ट्रैक्टर और 503 अतिरिक्त लोगों को लगाया गया है. प्रदेश में कुल 2 करोड़ आरटीपीसीआर टेस्ट किए जा चुके हैं. पहले 1 करोड़ टेस्ट करने में जहां लगभग 11 महीने का समय लगा था, वहीं दूसरे 1 करोड़ टेस्ट के आंकड़े को पार करने में महज 4.5 महीने का समय लगा. इससे टेस्ट की क्षमता और गति का अंदाजा लगाया जा सकता है.
वैक्सीनेशन में भी योगी सरकार अव्वल
कोरोना के नए मामलों की बात करें तो 24 अप्रैल को यूपी में सबसे अधिक 3855 एक्टिव केस आए थे, जबकि पिछले 24 घंटे में कोरोना के नए मामलों की संख्या 6046 रही. 24 अप्रैल के मुकाबले यह 32 हजार से भी कम है. जबकि ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 17540 है, जो संक्रमितों के मुकाबले करीब तीन गुना है. वैक्सीन सुरक्षा कवर देने के मामले में भी योगी सरकार देश में सबसे आगे है. एक तरफ जहां मुम्बई, दिल्ली और तमिलनाडु समेत कई राज्यों में वैक्सीन की कमी से वैक्सीनेशन बंद रहा वहीं दूसरी तरफ योगी सरकार यूपी में वैक्सिनेशन लगातार तेज कर रही है.
वैक्सीनेशन बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ग्लोबल टेंडर कर दुनिया भर की कंपनियों को आमंत्रित कर न सिर्फ वैक्सीन की उपलब्धता बढ़ाने का प्रयास कर रही बल्कि यूपी के लोगों को वैक्सीन चयन का विकल्प भी देने का भी प्रयास कर रही है. प्रदेश में शुक्रवार तक वैक्सीन की कुल 1 करोड़ 58 लाख डोज लगाई जा चुकी थी, इनमें 10 लाख से ज्यादा वैक्सीन की डोज 18 से 44 साल के उम्र के लोगों को लगाई गई है.
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