भले ही बिकरू कांड को बीते दो साल होने वाले हों. बावजूद इसके इस मामले में कुछ ना कुछ बात सामने आती रही है. दरअसल, अब गृह मंत्रालय ने IPS नीलाब्जा चौधरी और अनंत देव तिवारी पर जांच बैठाने का आदेश जारी दिया है. खबरों की मानें तो जॉइंट सेक्रेटरी सहेली घोष और यूपी के मुख्य सचिव DS मिश्रा जांच करेंगे. अनंत देव तिवारी के खिलाफ जय बाजपेई और उसके साथियों के साथ संबंधों की विस्तृत जांच होगी. इसके साथ इस बात की भी जांच की जाएगी कि आखिर किस वजह से नीलाब्जा चौधरी ने अनंत देव तिवारी को क्लीन चिट दी.
गृह मंत्रालय ने दिये आदेश
जानकारी के मुताबिक, अनंत देव तिवारी कानपुर में पूर्व एसएसपी रह चुके हैं. उनपर कुख्यात विकास दुबे के खजांची जय बाजपेई को पूरा संरक्षण देने के आरोप लगे थे. SIT ने अनंत देव को जांच में दोषी ठहराया था. जबकि नीलाब्जा चौधरी ने मामले में अनंत देव तिवारी की भूमिका की जांच कर क्लीन चिट दी थी. इस शिकायत होने पर अब गृह मंत्रालय ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया गया है और दो कमेटी बना कर जांच के आदेश जारी किए गए है.
शिकायतकर्ता सौरभ भदौरिया ने बताया कि दो जांच में दोषी पाये जाने के बाद भी अनंत देव को बरी किया गया है. बिकरू कांड के दोषियों से मिलीभगत में उनको एसआईटी ने भी दोषी पाया था. सौरभ ने बताया कि पूर्व में शासन द्वारा भेजी गई जांच अधिकारी लक्ष्मी सिंह की जांच रिपोर्ट में भी अनंतदेव और जय बाजपेई के संबध सामने आये थे.
पिछले महीने ही तत्कालीन एसओ और दारोगा हुए हैं बर्खास्त
बता दें कि, दोनों ही आईपीएस की जांच शुरू हो गई है जिसके लिए एक टीम केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा नियुक्त की गई है, जबकि दूसरी टीम यूपी से रहेंगी. यह जांच जॉइंट सेकेट्री गृह विभाग सहेली घोष और यूपी के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा करेंगे. बता दें कि बीते महीने गैंगस्टर विकास दुबे की मदद करने के आरोप में जेल में बंद तत्कालीन एसओ विनय तिवारी और दारोगा केके शर्मा को भी बर्खास्त कर दिया गया है. इससे पहले भी 21 पुलिसकर्मियों को पहले दंड मिल चुका है.