UP : 6 महीने में 5 महिला सिपाहियों ने की आत्महत्या, डिप्रेशन का शिकार या वर्क प्रेशर?

 

पुलिस एक ऐसा विभाग है, जहां सबसे ज्यादा परेशानी महिला पुलिसकर्मियों को होती है। इसकी वजह है कि पुलिस विभाग में ड्यूटी का कोई समय नहीं होता। ऐसे में घर परिवार और काम का प्रेशर दोनों मैनेज करना काफी मुश्किल हो जाता है। अगर आंकड़ों की बात करें तो इस साल अब तक प्रदेश में पांच महिला सिपाहियों ने अपनी जीवन लीला समाप्त की है। महिला सिपाही के सुसाइड केस पुलिस महकमे के लिए चिंता का विषय हैं। हैरानी की बात है कि सभी मामलों में महिला सिपाहियों ने फांसी के फंदे पर झूल कर आत्महत्या की है। आइए आपको बताते हैं कहां कहां ये मामले सामने आए हैं।

5 महिला सिपाहियों ने लगाई फांसी

केस-1: 9 अक्टूबर 2022 मुजफ्फरनगर के सीओ मंडी कार्यालय में तैनात महिला सिपाही आदर्श यादव ने फांसी लगाकर जान दी। पुलिस जांच में मामला शादी से जुड़ा मामला बताया गया।

केस-2: बरेली में 16 सितंबर 2022 को महिला कांस्टेबल ने आत्महत्या कर ली। पति सेना में है। एसएसपी एस. अनिरुद्ध पंकज ने मीडिया में बयान दिया कि पति से झगड़े की वजह से आत्महत्या की गई है।

केस-3: लखनऊ पीजीआई पुलिस स्टेशन में तैनात महिला सिपाही ने 16 मई 2022 को पहले तो नस काटी, लेकिन उससे मौत नहीं हुई तो फंदा बनाकर उस पर झूल गई। सरिता यादव था महिला सिपाही का नाम। प्रेम प्रसंग का मामला सामने आया है।

केस-4: सितंबर 2022 को उन्नाव में महिला सिपाही ने आत्महत्या कर ली। 7 लोगों को इसका जिम्मेदार ठहराया। पुलिस लाइन में महिला सिपाही तैनात थी।

केस-5: 25 जुलाई 2022 को कौशांबी में महिला सिपाही ने फांसी लगाकर जान दे दी। रश्मि सचान नाम था महिला सिपाही का। 2019 में महिला सिपाही के पद पर उनकी तैनाती हुई थी।

डिप्रेशन का शिकार लोगों से करें बात

किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज लखनऊ की वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. श्वेता सिंह ने बताया कि हाल ही में एक रिसर्च सामने आई है जिसमें यह बताया गया है कि हिंदुस्तान के 10 फीसदी लोगों में कहीं न कहीं डिप्रेशन है, चाहे वह किसी भी रुप में हो। आत्महत्या इंसान तब करता है जब उसे सारे रास्ते बंद नजर आते हैं और वह अपने दिल की बात किसी को नहीं कह पाता। ऐसे में उसे लगता है कि जिंदगी खत्म कर लेना ही एकमात्र रास्ता है। ऐसे में हम सभी को इस बात का ध्यान रखते हैं कि डिप्रेशन का शिकार व्यक्ति को आत्मविश्वास दिलाएं कि आप उसके साथ हैं,चाहे हालात कैसे भी हों। ऐसे में आत्महत्या करने से कई लोगों को बचाया जा सकता है।

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