उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव ( Uttar Pradesh By Election Results 2019) में सबसे बड़ा लाभ सपा को हुआ, जिसने एक एक सीट भाजपा और बसपा से छीनी जबकि रामपुर सीट पर कब्जा बरकरार रखा. कुल 11 विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनाव के नतीजे गुरूवार शाम को आ गये. सत्ताधारी भाजपा ने सात और उसके सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) ने एक सीट जीती. सपा ने जैदपुर सीट भाजपा से छीनी तो जलालपुर सीट बसपा से छीनकर अपने खाते में डाली. रामपुर सीट पर पार्टी का कब्जा बरकरार रहा. भाजपा ने बलहा, गंगोह, मानिकपुर, घोसी, इगलास, लखनऊ कैण्ट और गोविन्दनगर सीटों पर जीत हासिल की जबकि अपना दल (एस) ने प्रतापगढ सीट जीती. राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि उपचुनाव में ‘मोदी फैक्टर’ का अभाव रहा, जिसने भाजपा की संभावनाओं पर असर डाला. हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जमकर प्रचार किया और भाजपा सभी 11 सीटों पर जीत का दावा कर रही थी.
कांग्रेस को उम्मीदें
यूपी उपचुनाव में भले ही कांग्रेस एक भी सीट न जीत सकी हो, लेकिन इस उपचुनाव में कांग्रेस के वोट शेयर में अप्रत्याशित बढोत्तरी हुई है. उत्तर प्रदेश में एक लंबे समय से हाशिए पर चल रही कांग्रेस में जान फूंकने के लिए प्रियंका गांधी के प्रयास रंग लाते दिख रहे है. जिसके चलते कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी के नेतृत्व में एक के बाद एक सत्ता के खिलाफ किए गए प्रर्दशनों का स्पष्ट असर उपचुनाव में भी देखने को मिला. भले ही कांग्रेस एक भी सीट न जीत सकी हो, लेकिन 2017 के विधानसभा में उसे मिले महज 6.25 फीसदी वोट शेयर में इस बार करीब दोगुना बढोत्तरी हुई है. उपचुनाव में कांग्रेस को 12.80 फीसदी वोट मिले. इस उपचुनाव में कांग्रेस को पिछले चुनाव में मिले 6.25 फीसदी वोट से करीब दोगुना अधिक 12.80 फीसदी वोट मिले है. यह कांग्रेस के लिए किसी शुभ संकेत से कम नही है.
बसपा फेल
उपचुनाव में एसपी ने न सिर्फ रामपुर सीट बचाई बल्कि बीजेपी से बाराबंकी की जैदपुर सीट भी छीन ली, वहीं बीएसपी का मजबूत किला कहे जाने वाले जलालपुर सीट को भी जीत लिया. उपचुनाव में बीजेपी को आठ और समाजवादी पार्टी को तीन सीटों पर जीत हासिल हुई. इतना ही नहीं समाजवादी पार्टी चार सीटों पर दूसरे नंबर पर रही. अगर बात करें बीएसपी की तो वो एक भी सीट नहीं जीत सकी और सिर्फ अलीगढ़ की इगलास और जलालपुर सीट पर ही दूसरे नंबर पर आ सकी. चुनाव परिणामों ने बीएसपी को कड़ा झटका दिया है. पार्टी फिसड़्डी साबित हुई है.
बीजेपी को सीख
उधर विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस का सर्वाधिक वोट प्रतिशत बढा है, तो बीजेपी के वोट प्रतिशत में सर्वाधिक गिरावट भी देखने को मिली है. इस दौरान बीजेपी ने भले ही अपनी 9 सीटो में से 8 सीटो पर दोबारा जीत दर्ज कर ली हो, लेकिन उसका वोट प्रतिशत करीब 14 फीसदी कम हुआ है. उपचुनावों में आए यह नतीजे पार्टी को अति आत्मविश्वास से बचने की सलाह दे रहे हैं क्योकि चुनाव में मतदान प्रतिशत कम होना बताता है कि बीजेपी कार्यकर्ताओं ने विधानसभा और लाेकसभा चुनाव जैसा उत्साह नहीं दिखाया. बीजेपी को कार्यकर्तोओ में उत्साह को बरकारार रखना होगा तथा सरकार के कामों को जनता के बीच ले जाना होगा.
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