लोकसभा चुनाव के पांच चरण पूरे हो चुके हैं. 6वें चरण के लिए सभी पार्टियां युद्धस्तर पर जुटी हुई हैं. इसी बीच यूपी की राजधानी लखनऊ से बड़ी खबर सामने आ रही है. भारतीय जनता पार्टी ने बड़ी सेंध लगाई है. मंगलवार को पूर्व आईपीएस प्रेम प्रकाश (IPS Prem Prakash) ने बीजेपी का दाम थाम लिया है. प्रेम प्रकाश मायावती के बेहद करीबी रहे हैं. प्रेम प्रकाश के बीजेपी में शामिल होने के बाद पूर्वांचल में दलितों का रूझान भगवा पार्टी की तरफ बढ़ सकता है.
प्रेम प्रकाश को एनकाउंटर स्पेशलिस्ट माना जाता है. उन्होंने कानपुर जोन के एडीजी रहते हुए तकरीबन 70 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. इसके अलावा सीएए विरोधी आंदोलन में प्रेम प्रकाश ने कानपुर को दंगों से बखूगी संभाला था. इसके लिए उनकी खबूर सराहना भी हुई थी. प्रेम प्रकाश ही मुख्तार अंसारी को पंजाब से बांदा जेल लाए थे, ये मामला साल 2018 का है, जब माफिया को लाने की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई थी. ये मामला बेहद सुर्खियों में रहा था.
मायावाती के पसंदीदा रहे पुलिस अफसर प्रेम प्रकाश को भाजपाई बनाने के पीछे बीजेपी के दलित वोटों पर सेंधमारी की कवायद बताई जा रही है. चूंकि प्रेम प्रकाश अनुसूचित जाति से आते इसीलिए पार्टी की कोशिश रहेगी कि पूर्व आईपीएस के जरिए दलितों को बीजेपी से जोड़ा जाए. बता दें कि प्रेम प्रकाश से पहले दलित बृजलाल, असीम अरूण और विजय कुमार भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम चुके हैं.
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