National Desk: ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कंपनी (बीबीसी) इंडिया की मुश्किलें फिर बढ़ गई हैं। साल 2023 में जिस विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के मामले में जांच चल रही थी, अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उसी मामले में कार्रवाई करते हुए कंपनी पर 3.44 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा, बीबीसी के तीन निदेशकों पर भी 1.14 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
तीन निदेशकों पर भी लगा जुर्माना
ईडी की जांच और आरोपईडी ने फरवरी 2023 में नई दिल्ली और मुंबई स्थित बीबीसी के दफ्तरों में इनकम टैक्स विभाग द्वारा किए गए सर्वे के बाद यह मामला दर्ज किया था। आरोप था कि कंपनी ने ट्रांसफर प्राइसिंग नियमों और मुनाफे के डायवर्जन से जुड़े गैर-अनुपालन किए हैं। एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “फेमा (1999) के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए बीबीसी इंडिया पर 3,44,48,850 रुपये का जुर्माना लगाया गया है।”निदेशकों पर भी जुर्मानाबीबीसी के तीन निदेशकों, गाइल्स एंटनी हंट, इंदु शेखर सिन्हा और पॉल माइकल गिबन्स पर भी कंपनी के संचालन की देखरेख में उनकी भूमिका को देखते हुए 1.14 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
बीबीसी की प्रतिक्रिया
बीबीसी के एक प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी भारत सहित जिस भी देश में काम करती है, उसके नियमों का पालन करती है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि न तो बीबीसी वर्ल्ड सर्विस इंडिया और न ही इसके निदेशकों को प्रवर्तन निदेशालय से कोई आधिकारिक आदेश प्राप्त हुआ है। प्रवक्ता ने कहा, “अगर हमें कोई आदेश प्राप्त होता है, तो हम उसकी सावधानीपूर्वक समीक्षा करेंगे और उचित कदम उठाएंगे।”
एफडीआई नियमों का उल्लंघन?
बीबीसी पर विदेशी निवेश (एफडीआई) से जुड़े नियमों के उल्लंघन का भी आरोप है। अधिकारी ने बताया कि 18 सितंबर 2019 को उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने एक प्रेस नोट जारी किया था, जिसमें डिजिटल मीडिया के लिए 26% एफडीआई सीमा निर्धारित की गई थी। हालांकि, बीबीसी डब्ल्यूएस इंडिया 100% एफडीआई वाली कंपनी है और इस नियम का पालन नहीं किया।
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गुजरात दंगों पर डॉक्यूमेंट्री के बाद बढ़ी जांचसाल
2023 में बीबीसी इंडिया पर टैक्स विभाग ने तब कार्रवाई की थी जब कंपनी ने 2002 के गुजरात दंगों पर ‘इंडिया द मोदी क्वेश्चन’ नाम से एक डॉक्यूमेंट्री बनाई थी। 20 जनवरी 2023 को केंद्र सरकार ने यूट्यूब और ट्विटर को इस डॉक्यूमेंट्री से जुड़े लिंक हटाने का आदेश दिया था, क्योंकि इसे “भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा” माना गया था।
आयकर विभाग की जांच
फरवरी 2023 में तीन दिन चले सर्वे के बाद आयकर विभाग ने कहा था कि बीबीसी ग्रुप की कई संस्थाओं द्वारा दिखाई गई आय और मुनाफा भारत में उनके ऑपरेशन्स के स्केल के अनुरूप नहीं था। जांच के दौरान ट्रांसफर प्राइसिंग डाक्यूमेंटेशन में भी कई विसंगतियां पाई गई थीं।