पश्चिम बंगाल में हिंसा (West Bengal Violence) को लेकर बांग्लादेश (Bangladesh) की टिप्पणी पर भारत ने सख्त प्रक्रिया दी है। पश्चिम बंगाल में हिंसा पर बांग्लादेश की टिप्पणियों को भारत ने सिरे से खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) ने बांग्लादेश को फटकार लगाते हुए कहा है कि पड़ोसी देश को पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए, जहां जघन्य अपराधों के दोषी आजाद घूम रहे हैं।
बांग्लादेश की टिप्पणी
बांग्लादेश ने भारतीय अधिकारियों से अशांति से प्रभावित अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदायों की रक्षा करने का आह्वान किया था। मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने कहा कि अंतरिम सरकार ने इस घटना में बांग्लादेश को शामिल करने के भारत के प्रयासों का “कड़ा विरोध” किया है।
भारत का जवाब
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “हम पश्चिम बंगाल की घटनाओं पर बांग्लादेश की टिप्पणियों को पूरी तरह खारिज करते हैं। यह भारत की उस चिंता के साथ तुलना करने की एक छिपी और गलत कोशिश है, जो बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को लेकर है। बांग्लादेश में इस तरह के कृत्यों के अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं।”
पश्चिम बंगाल में हिंसा
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 के विरोध में हुई हिंसक झड़पों ने राज्य में तनाव बढ़ा दिया है। इन प्रदर्शनों के दौरान कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हुए। हिंसा के बाद केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) को क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए तैनात किया गया है।