UP: योगी सरकार का बड़ा तोहफा, विधायकों-मंत्रियों की सैलरी और भत्तों में इजाफा, 9 साल बाद बढ़ा वेतन

UP Assembly: उत्तर प्रदेश विधानसभा का चार दिवसीय मानसून सत्र भले ही दो दिन पूरी तरह बाधित रहा हो, लेकिन सत्र के अंत में विधायकों और विधान परिषद सदस्यों के लिए खुशखबरी लेकर आया। इस दौरान नए बने एमएलए और एमएलसी को नया आईपैड मिला, वहीं सत्र के अंतिम दिन उत्तर प्रदेश विधानमंडल सदस्य एवं मंत्रीगण सुख-सुविधा अधिनियम विधेयक, 2025 को सर्वसम्मति से पारित किया गया। इस विधेयक के तहत वेतन और भत्तों में लंबे समय से लंबित बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई।

वेतन और भत्तों में बड़ा इजाफा

नए प्रावधानों के अनुसार, विधायकों का वेतन 25,000 रुपये से बढ़ाकर 35,000 रुपये और मंत्रियों का वेतन 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये किया गया है। निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 50,000 रुपये से बढ़कर 75,000 रुपये होगा। इसके अलावा, विधायकों का दैनिक भत्ता 2,000 रुपये से बढ़ाकर 2,500 रुपये और जनसेवा कार्यों के लिए मिलने वाला दैनिक भत्ता 1,500 रुपये से बढ़ाकर 2,000 रुपये किया गया है। यह फैसला राज्य के 403 विधायक और 100 विधान परिषद सदस्यों को लाभ पहुंचाएगा।

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महंगाई के मद्देनज़र लिया गया फैसला

वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि मार्च 2025 में गठित समिति ने कई बैठकों के बाद यह निष्कर्ष निकाला कि बढ़ती महंगाई के चलते विधायकों और मंत्रियों के भत्तों में बढ़ोतरी जरूरी है। समिति में माता प्रसाद पांडेय, आशीष पटेल, राजपाल बालियान, संजय निषाद, ओम प्रकाश राजभर, आराधना मिश्रा मोना और राजा भैया सदस्य थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समिति की सिफारिशों को मंजूरी दी और विधेयक को सदन में पेश किया गया।

अतिरिक्त सुविधाओं में भी बढ़ोतरी

वेतन और दैनिक भत्तों के अलावा, विधायकों का चिकित्सीय भत्ता 30,000 रुपये से बढ़ाकर 45,000 रुपये किया गया है। टेलीफोन भत्ता 6,000 रुपये से बढ़ाकर 9,000 रुपये हो गया है। पेंशन 25,000 रुपये से बढ़ाकर 35,000 रुपये और पारिवारिक पेंशन 25,000 रुपये से बढ़ाकर 30,000 रुपये कर दी गई है। रेलवे कूपन की वार्षिक राशि 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये कर दी गई है।

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सरकार पर पड़ेगा 105 करोड़ का वार्षिक बोझ

इन बढ़ोतरी के बाद प्रदेश सरकार पर कुल 105 करोड़ 21 लाख 63 हजार रुपये का वार्षिक वित्तीय बोझ आएगा। पिछली बार 2016 में अखिलेश यादव सरकार ने विधायकों के वेतन-भत्तों में इजाफा किया था। योगी सरकार के कार्यकाल में यह पहली बार है जब इस तरह का व्यापक संशोधन किया गया है। सरकार का कहना है कि यह कदम जनप्रतिनिधियों को उनके दायित्व निभाने में बेहतर सुविधा देने के लिए उठाया गया है।

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