क्या सपा के बागियों की चमकेगी किस्मत?, यूपी में मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारी तेज

UP Cabinet Expansion: उत्तर प्रदेश सरकार जल्द ही कैबिनेट विस्तार (Cabinet Expansion) करने जा रही है। यह कदम ऐसे समय पर उठाया जा रहा है जब समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने पिछले एक महीने में अपने कई बागी विधायकों को पार्टी से बाहर कर दिया है। हाल ही में विधानमंडल के मानसून सत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की तारीफ करने वाली चायल से सपा विधायक पूजा पाल को भी अखिलेश यादव ने निष्कासित कर दिया था।

पूजा पाल पर बीजेपी की निगाह

कौशांबी जिले की चायल सीट से विधायक पूजा पाल (Pooja Pal) को लेकर राजनीतिक गलियारों में कयास लगाए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि यदि वे बीजेपी में शामिल होती हैं, तो उन्हें योगी सरकार के नए मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। सूत्रों का कहना है कि यह फैसला भाजपा जातीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए ले सकती है।

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पाल समाज को साधने की रणनीति

उत्तर प्रदेश में पाल समुदाय की आबादी लगभग 7% मानी जाती है। ऐसे में पूजा पाल की बीजेपी में एंट्री इस समाज के वोट बैंक को साधने की बड़ी रणनीति साबित हो सकती है। बताया जा रहा है कि पूजा पाल, अखिलेश यादव से नाराज़ चल रही हैं और हाल ही में उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात भी की थी।

नवरात्रि पर शुभ मुहूर्त

कैबिनेट विस्तार की टाइमिंग को लेकर भी चर्चाएं तेज हैं। सूत्रों के अनुसार, नवरात्रि से पहले कोई शुभ दिन उपलब्ध नहीं है, इसलिए संभव है कि इस पावन अवसर पर ही मंत्रिमंडल में नए चेहरों को शामिल किया जाए।

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ऐसी अटकलें क्यों लग रही है?

क्योंकि बीजेपी पहले भी ऐसा कर चुकी है। बात दे की, जुलाई 2016 की घटना ही स्वाति सिंह के राजनीति में उभरने का सबसे बड़ा मोड़ बनी। बात दे की, उनके पति और बीजेपी नेता दयाशंकर सिंह ने बीएसपी सुप्रीमो मायावती के खिलाफ विवादित टिप्पणी कर दी थी। जिसके बाद विवादित टिप्पणी पर जोरदार विरोध बीएसपी ने किया और लखनऊ में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुआ। विरोध के दौरान बीएसपी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने न केवल दयाशंकर पर बल्कि स्वाति सिंह और उनकी नाबालिग बेटी पर भी बेहद आपत्तिजनक टिप्पणियाँ कीं। इससे मामला एक राजनीतिक विवाद से हटकर महिला और बच्ची की गरिमा से जुड़ गया और आम जनता के बीच सहानुभूति की लहर पैदा हो गई। ऐसे माहौल में स्वाति सिंह ने चुप रहने के बजाय मुखर भूमिका निभाई। उन्होंने मीडिया के सामने आकर आक्रामक तेवर दिखाए और मायावती समेत चार बड़े बीएसपी नेताओं के खिलाफ हजरतगंज थाने में केस दर्ज करवाया। इससे उनकी छवि एक निडर महिला नेता की बनी,जिसके बाद बीजेपी ने इस मौके को एक अवसर की तरह देखा। घटना के कुछ ही महीनों बाद अक्टूबर 2016 में स्वाति सिंह को भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया। इसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें लखनऊ की सरोजिनी नगर सीट से टिकट दिया। वे भारी मतों से चुनाव जीतीं और योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री भी बनीं। इसलिए पूजा पाल को लेकर भी ऐसी अटकलें लगाई जा रही है।

इन नेताओं को भी मिल सकती बड़ी जिम्मेदारी

पूजा पाल के अलावा सपा से निकाले गए विधायक मनोज पांडेय (ऊंचाहार), राकेश प्रताप सिंह (गौरीगंज) को भी भाजपा में अहम जिम्मेदारियां मिलने की अटकलें हैं। साथ ही, लोक निर्माण विभाग की जिम्मेदारी पर भी पुनर्विचार की चर्चा है। वर्तमान में यह विभाग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास है, लेकिन जितिन प्रसाद के केंद्र में मंत्री बनने के बाद इसे किसी वरिष्ठ नेता को सौंपा जा सकता है। वही इसमें कई अन्य विभाग भी शामिल है, जिसकी जिम्मेदारी नेताओं को मिल सकती है।

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