उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) ने राजधानी लखनऊ (Lucknow) और उसके आसपास के जिलों के संतुलित और समावेशी विकास के लिए एक नई महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है, जिसे स्टेट कैपिटल रीजन (SCR) नाम दिया गया है। यह योजना दिल्ली-एनसीआर की तर्ज पर तैयार की गई है और इसमें लखनऊ, सीतापुर, उन्नाव, हरदोई, बाराबंकी और रायबरेली जैसे छह जिले शामिल हैं। SCR क्षेत्र कुल 26,000 वर्ग किलोमीटर में फैला होगा और इसका उद्देश्य क्षेत्रीय असंतुलन को दूर कर सभी जिलों को आर्थिक, शहरी और औद्योगिक विकास में भागीदार बनाना है। रीजनल प्लान का खाका तैयार करने की जिम्मेदारी विशेषज्ञ कंसल्टेंट्स को दी गई है, जो एक वर्ष में प्रारंभिक रिपोर्ट और अगले पांच वर्षों में विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करेंगे।
सड़क, रेल और कनेक्टिविटी के जरिए विकास को गति
SCR योजना में सबसे अधिक जोर आवागमन और कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने पर दिया जा रहा है। हाई-स्पीड रेल, अत्याधुनिक सड़क नेटवर्क और औद्योगिक क्षेत्रों को राजधानी लखनऊ से सीधे जोड़ने की योजना है। इससे न केवल लोगों को बेहतर यातायात सुविधा मिलेगी, बल्कि निवेशकों को भी क्षेत्र में आकर्षित करने में मदद मिलेगी। सरकार मानती है कि तेज और सुगम परिवहन विकास की रीढ़ होता है, इसलिए इस क्षेत्र में विशेष प्राथमिकता दी गई है। यह पहल रोजगार और व्यावसायिक अवसरों को भी बढ़ावा देगी।
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पर्यटन, कृषि और उद्योगों को मिलेगा नया विस्तार
SCR क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए संस्कृति, धार्मिक स्थलों और ऐतिहासिक धरोहरों को जोड़कर टूरिज्म सर्किट विकसित करने की योजना है। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, अभी लखनऊ में 46% पर्यटक आते हैं, जबकि हरदोई और रायबरेली जैसे जिलों में यह आंकड़ा सिर्फ 1% है। यह अंतर दर्शाता है कि पर्यटन की संभावनाएं अभी पूरी तरह से उपयोग नहीं की गई हैं। दूसरी ओर, SCR क्षेत्र की उपजाऊ भूमि को ध्यान में रखते हुए कृषि क्षेत्र में भी आधुनिक तकनीक, कोल्ड स्टोरेज और एग्री-बिजनेस हब विकसित किए जाएंगे। वहीं, फूड प्रोसेसिंग, टेक्सटाइल, आईटी और सर्विस सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देकर औद्योगिक विकास की भी मजबूत नींव रखी जाएगी।
शहरीकरण के साथ स्थानीय जरूरतों का संतुलन
सरकार इस योजना को सिर्फ एक प्रशासनिक विस्तार नहीं, बल्कि आर्थिक विकास का नया मॉडल मान रही है। लखनऊ पहले से ही शिक्षा और स्वास्थ्य का हब है, अब इसके साथ छोटे कस्बों को स्मार्ट सिटी जैसी सुविधाओं से जोड़ा जाएगा। योजना का मुख्य उद्देश्य स्थानीय लोगों को रोजगार और जीवन स्तर में सुधार देना है। मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब ने निर्देश दिया है कि प्रत्येक जिले में अलग-अलग कंसल्टेंट नियुक्त किए जाएं, ताकि डेटा संग्रहण और स्थानीय जरूरतों की पहचान प्रभावी तरीके से हो सके। SCR को भविष्य में उत्तर प्रदेश के संतुलित और टिकाऊ विकास की आधारशिला के रूप में देखा जा रहा है।