भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में सीपी राधाकृष्णन (CP Radhakrishna) ने शुक्रवार को शपथ ग्रहण की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। यह एक भव्य और गरिमामय अवसर था जिसमें देश की शीर्ष राजनीतिक हस्तियों ने भाग लिया।
इस्तीफे के बाद पहली बार दिखे धनखड़
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) इस समारोह में लंबे अंतराल के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से नजर आए। वे पूर्व उपराष्ट्रपतियों वेंकैया नायडू और हामिद अंसारी के साथ बैठे दिखाई दिए। धनखड़ ने 21 जुलाई को अपने पद से इस्तीफा दिया था और इसके बाद से वे सार्वजनिक जीवन से पूरी तरह दूर रहे थे। उनका अचानक सामने आना राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया।
इस्तीफे को लेकर विपक्ष के सवाल
धनखड़ ने अपने इस्तीफे के पीछे स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया था, लेकिन विपक्ष ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि स्वास्थ्य की स्थिति गंभीर थी तो उन्होंने मॉनसून सत्र शुरू होने से पहले इस्तीफा क्यों नहीं दिया? खास बात यह रही कि इस्तीफा देने के दिन भी उन्होंने राज्यसभा की कार्यवाही का संचालन किया था। इसके बाद उनकी सार्वजनिक अनुपस्थिति को लेकर राजनीतिक चर्चाएं और अटकलें तेज हो गई थीं।
राधाकृष्णन को मिली भारी जीत
उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में सीपी राधाकृष्णन ने इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी को 152 मतों के भारी अंतर से हराया। 788 सदस्यों में से 767 ने मतदान किया, जिसमें राधाकृष्णन को 452 वोट प्राप्त हुए, जबकि रेड्डी को केवल 300 वोट ही मिल सके। यह जीत ना सिर्फ बीजेपी के लिए बल्कि एनडीए खेमे के लिए भी एक बड़ी राजनीतिक सफलता मानी जा रही है।