लखनऊ: विधानसभा चुनाव 2027 की तैयारियों को ध्यान में रखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने विशेष गहन मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) को लेकर शनिवार को प्रदेशस्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया। लखनऊ स्थित पार्टी मुख्यालय में हुई इस कार्यशाला में विचारधारा से जुड़े नए मतदाताओं को जोड़ने और फर्जी वोटरों के नाम हटवाने की रणनीति पर फोकस रहा। प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह ने कहा कि आने वाले चुनावों की दिशा और परिणाम काफी हद तक इसी प्रक्रिया पर निर्भर करेंगे।
फर्जी वोटर हटाने और नए नाम जोड़ने पर जोर
कार्यशाला की शुरुआत राष्ट्रगान से हुई। इस दौरान धर्मपाल सिंह ने कार्यकर्ताओं से कहा कि विपक्ष जातीय और फर्जी वोटर तैयार करने में जुटा है, इसलिए भाजपा कार्यकर्ताओं को बूथ स्तर पर सजग रहना होगा। उन्होंने कहा कि एसआईआर केवल निर्वाचन प्रक्रिया नहीं, बल्कि लोकतंत्र की नींव मजबूत करने का अभियान है। हर पात्र व्यक्ति का नाम मतदाता सूची में दर्ज होना चाहिए, ताकि किसी भी स्तर पर मताधिकार से वंचित न रह जाए।
भाजपा लॉन्च करेगी नया पोर्टल और एप
पार्टी एसआईआर अभियान के लिए एक विशेष पोर्टल और मोबाइल एप तैयार कर रही है। इसके माध्यम से प्रत्येक बूथ अध्यक्ष और प्रवासी कार्यकर्ता को लॉगिन आईडी दी जाएगी। एप में 2003 और 2023 की मतदाता सूची का पूरा डेटा फीड होगा। पार्टी उन मतदाताओं के नामों की भी पहचान करेगी जिनके नाम, पिता या पति का नाम समान हैं। बूथ समिति को हर मतदाता का धर्म और जाति संबंधी विवरण भी दर्ज करना होगा, जिससे पार्टी को जातीय और धार्मिक आधार पर सटीक डेटा मिल सके।
कमजोर बूथों पर विशेष निगरानी
भाजपा ने स्वीकार किया है कि राज्य के लगभग 30 से 35 प्रतिशत बूथों पर संगठन कमजोर है। इन बूथों पर समितियों के गठन और मतदाता सूची के सत्यापन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। हर पदाधिकारी, विधायक, सांसद और एमएलसी को कम से कम एक बूथ की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। वहीं, बूथ प्रवासी बनाकर उन्हें अपने क्षेत्र के अन्य शक्ति केंद्रों में लगाया जाएगा, ताकि समन्वय और निगरानी बेहतर हो सके।
7 नवंबर से वंदे भारत अभियान
एसआईआर अभियान की जिम्मेदारी प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला को दी गई है, जबकि छह क्षेत्रों में अलग-अलग संयोजक बनाए गए हैं। इसके साथ ही धर्मपाल सिंह ने बताया कि वंदे भारत के 150 वर्ष पूरे होने पर भाजपा 7 नवंबर से “वंदे भारत अभियान” शुरू करेगी। इस कार्यक्रम के संयोजक त्रयंबक त्रिपाठी होंगे, और यह अभियान प्रदेश के 18 स्थानों पर एक साथ आरंभ किया जाएगा।















































