लखनऊ स्थित एनबीआरआई सभागार में लोकनीति द्वारा आयोजित चतुर्थ नानाजी देशमुख स्मृति व्याख्यान का आयोजन ‘संघ@100 , समग्र विकास चिंतन’ विषय पर किया गया। कार्यक्रम में एनबीआरआई के निदेशक डॉ. अजित शासनी सहित अनेक प्रबुद्धजन उपस्थित रहे। व्याख्यान की अध्यक्षता पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार ने की, जबकि मुख्य वक्ता के रूप में वरिष्ठ प्रचारक और लेखक राम माधव ने अपने विचार रखे।
संघ के परिवर्तन और स्वदेशी की जरूरत पर जोर
कार्यक्रम अध्यक्षता कर रहे पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार ने अपने संबोधन में संघ के पांच प्रमुख परिवर्तनों को समाज के लिए अत्यंत आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि आज के समय में स्वदेशी और आत्मनिर्भरता अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्धांत हैं, जिन पर समाज को गंभीरता से आगे बढ़ने की आवश्यकता है।
राम माधव बोले
मुख्य वक्ता राम माधव ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संघ को समझना आसान नहीं है, उसे समझने के लिए उसके वरिष्ठ स्वयंसेवकों की कार्यशैली और जीवन दृष्टि को जानना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि दुनिया में शायद ही कोई ऐसा संगठन होगा जो 100 वर्षों तक निरंतर सक्रिय रहा हो। अंग्रेजी शासनकाल में और स्वतंत्रता के बाद भी कई बार प्रतिबंध और बाधाएँ आईं, लेकिन संघ का कार्य अविरल और मजबूत बना रहा, जिसके कारण आज यह वटवृक्ष के रूप में विकसित खड़ा है।
उत्कृष्ट आयोजन, बड़ी उपस्थिति
राम माधव ने कहा कि संघ का मूल उद्देश्य देश और समाज का संगठन है तथा 140 करोड़ नागरिकों में जनजागरण का संकल्प संघ निरंतर निभा रहा है। कार्यक्रम का संचालन दीप नारायण पांडे ने किया और धन्यवाद ज्ञापन एमएलसी अवनीश कुमार सिंह ने दिया। कार्यक्रम में लोकनीति के निदेशक सत्येंद्र त्रिपाठी, महराजगंज के सिसवा विधायक प्रेम सागर पटेल, औधेन्द्र पाण्डेय, कुँवर अभिषेक प्रताप, कैप्टन सुभाष ओझा सहित लगभग 200 लोग उपस्थित रहे।
















































