उत्तर प्रदेश के पूर्व आईपीएस और पूर्व IG अमिताभ ठाकुर (Amitabh Thakur) को शाहजहांपुर से ट्रेन में सफर के दौरान गिरफ्तार किया गया। वे दिल्ली जा रहे थे जब आधी रात कुछ लोग ट्रेन में घुसे और उन्हें अपने साथ ले गए। शुरू में किडनैप की खबर सामने आई थी, लेकिन बाद में लखनऊ पुलिस ने उनके परिवार को कॉल कर बताया कि उन्हें गिरफ्तार किया गया है। उनकी पत्नी नूतन ठाकुर ने बताया कि रात 1:50 बजे ट्रेन में यह घटना हुई और इसके बाद उनके पति का मोबाइल बंद हो गया।
लखनऊ पुलिस ने मामले में किया हस्तक्षेप
घटना के तुरंत बाद नूतन ठाकुर ने रेलवे और RPF में शिकायत दर्ज कराई। शाहजहांपुर SSP को कॉल करने पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, लेकिन सुबह 9:40 बजे तालकटोरा थाने से SHO ने संपर्क किया और बताया कि अमिताभ ठाकुर को देवरिया ले जाया जा रहा है। देवरिया में उनके खिलाफ तीन महीने पहले दर्ज केस की जांच में सहयोग न करने के कारण पुलिस ने कार्रवाई की। साथ ही अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी का X अकाउंट भी सस्पेंड कर दिया गया।
देवरिया प्लॉट विवाद का मामला
सितंबर 2025 में लखनऊ के तालकटोरा थाने में अमिताभ ठाकुर के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ। शिकायतकर्ता संजय शर्मा का आरोप है कि 1999 में देवरिया के SP रहते हुए अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी नूतन ठाकुर ने फर्जी नाम और पते का इस्तेमाल करके औद्योगिक प्लॉट कब्जाया और बाद में उसे बेचकर लाभ कमाया। आरोप है कि अमिताभ ठाकुर ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अधिकारियों को प्रभावित किया और इस प्रक्रिया में सहयोग किया।
अमिताभ ठाकुर का प्रशासनिक और विवादास्पद इतिहास
अमिताभ ठाकुर 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। ASP के रूप में गोरखपुर में अपनी पहली पोस्टिंग के बाद वे कई जिलों में SP और IG पद पर रहे। उनकी पत्नी नूतन ठाकुर एक सोशल एक्टिविस्ट हैं। मार्च 2021 में गृह मंत्रालय ने उन्हें जबरन रिटायर किया था। अमिताभ ठाकुर पहले भी विवादों में रह चुके हैं, जिसमें 2015 में उन्होंने मुलायम सिंह यादव के खिलाफ धमकी देने का केस दर्ज कराया था। इस घटनाक्रम के बाद उन्हें निलंबित भी किया गया था।















































