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UP BJP President: यूपी भाजपा अध्यक्ष पद की दौड़ में पंकज चौधरी आगे क्यों? जानिए सात बार के सांसद की पूरी कहानी

UP BJP President: उत्तर प्रदेश भाजपा (UP BJP) के 17वें प्रदेश अध्यक्ष के लिए शनिवार को नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी। इससे पहले केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी (Pankaj Chaudhary) के नाम पर सहमति बनने की अटकलें तेज हो गई हैं। गुरुवार को गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर चली करीब तीन घंटे की बैठक में उनके नाम पर मुहर लगने की चर्चा है। यदि एक से अधिक नामांकन हुए तो रविवार को मतदान होगा, अन्यथा दोपहर एक बजे नए अध्यक्ष की घोषणा कर दी जाएगी।

ओबीसी समीकरण और पूर्वांचल फैक्टर बना निर्णायक

सूत्रों के मुताबिक नेतृत्व ने इस बार प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए ओबीसी चेहरे पर सहमति बनाई। अंतिम दौर में योगी सरकार के मंत्री धर्मपाल सिंह और पंकज चौधरी के नामों पर मंथन हुआ, जिसमें पंकज चौधरी आगे निकल गए। कुर्मी बिरादरी से आने वाले पंकज की पूर्वांचल में मजबूत पकड़ मानी जाती है। लोकसभा चुनाव में कुर्मी वोटों के खिसकने के बाद भाजपा अपने पारंपरिक कुर्मी ,ठाकुर ,ब्राह्मण संतुलन को फिर से मजबूत करना चाहती है।

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लंबा राजनीतिक अनुभव, सात बार सांसद

गोरखपुर 15 नवंबर 1964 को जन्मे पंकज चौधरी ने वर्ष 1989 में गोरखपुर नगर निगम के पार्षद के रूप में राजनीति में कदम रखा। इसके अगले ही वर्ष 1990 में वे भारतीय जनता पार्टी की जिला कार्य समिति के सदस्य बने।वर्ष 1991 में
10वीं लोकसभा के लिए महराजगंज संसदीय सीट से भाजपा के टिकट पर वे पहली बार सांसद चुने गए। इसके बाद 11वीं और 12वीं लोकसभा में 1996 और 1998 में भी सांसद निर्वाचित हुए। वर्ष 1999 में उन्हें समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव से पराजय का सामना करना पड़ा, लेकिन 2004 में उन्होंने फिर से जीत हासिल की। 2009 में कांग्रेस के स्वर्गीय हर्षवर्धन से हार के बाद, 2014 से वे लगातार लोकसभा के सदस्य के रूप में निर्वाचित होते आ रहे हैं।

चुनाव कार्यक्रम और मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारी

प्रदेश अध्यक्ष चुनाव के लिए 464 मतदाताओं की सूची जारी की गई है। शनिवार को नामांकन, जांच और वापसी की प्रक्रिया होगी, जबकि रविवार को नाम की घोषणा की जाएगी। इस बीच राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित वरिष्ठ नेताओं के साथ रणनीतिक बैठक की। नए अध्यक्ष के चयन के बाद 15 जनवरी के बाद योगी मंत्रिमंडल के विस्तार पर भी विचार किया जाएगा, ताकि जातीय और क्षेत्रीय संतुलन साधा जा सके।

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