‘हिंदू-मुस्लिम समस्या के लिए कांग्रेस जिम्मेदार…’, नितिन गडकरी का बड़ा बयान

नई दिल्ली, 24 दिसंबर 2025 – केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि देश में आज भी जारी हिंदू-मुस्लिम समस्याओं की जड़ कांग्रेस की सेक्युलरिज्म की सोच और वोट बैंक की राजनीति है। गडकरी ने सेक्युलर शब्द की सही व्याख्या करते हुए इसे ‘सर्व धर्म समभाव’ बताया, न कि कांग्रेस द्वारा प्रचारित ‘धर्मनिरपेक्षता’। उनका यह बयान सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों तक चर्चा का विषय बन गया है।

बयान कब और कहां दिया?

नितिन गडकरी ने यह बयान दिल्ली में दो अलग-अलग कार्यक्रमों में दिया:राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष प्रो. वासुदेव देवनानी की किताब ‘सनातन संस्कृति की अतल दृष्टि’ के लोकार्पण समारोह में। उदय माहुरकर की किताब ‘माय आइडिया ऑफ नेशन फर्स्ट: रिडिफाइनिंग अनएलॉयड नेशनलिज्म’ के विमोचन कार्यक्रम में। इस कार्यक्रम में गडकरी ने भारतीय संस्कृति और राष्ट्रवाद पर गहन चर्चा की।गडकरी ने क्या कहा? सेक्युलरिज्म पर : अंग्रेजी शब्द ‘सेक्युलर’ का हिंदी अर्थ ‘सर्व धर्म भाव’ या ‘सभी के लिए न्याय, किसी का तुष्टीकरण नहीं’ है। लेकिन कांग्रेस ने अपनी विचारधारा के आधार पर इसे ‘धर्मनिरपेक्ष’ बताया, जो गलत है।

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कांग्रेस की भूमिका

1947 के बाद कांग्रेस को देश चलाने का मौका मिला। अपनी सोच के आधार पर उन्होंने कुछ बीज बोए… आजादी के बाद विभिन्न हिंदू-मुस्लिम समस्याएं सामने आईं। कांग्रेस की सेक्युलरवाद की व्याख्या और वोट बैंक राजनीति ने ही इन समस्याओं को जन्म दिया, जिनसे देश आज भी जूझ रहा है।”

भारतीय संस्कृति की तारीफ

गडकरी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के बयान को दोहराया – “भारत सेक्युलर देश है, था और रहेगा।” लेकिन यह बीजेपी या आरएसएस की वजह से नहीं, बल्कि भारतीय, हिंदू और सनातन संस्कृति के कारण है, जो ‘विश्व कल्याण’ की कामना करती है। उन्होंने कहा कि इतिहास में किसी हिंदू राजा द्वारा दूसरे धर्म के पूजा स्थल नष्ट करने का कोई उदाहरण नहीं है।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं कांग्रेस का पलटवार 

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने गडकरी और भाजपा पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “नफरत की विचारधारा तुम्हारी है। आजादी की लड़ाई, आतंकवाद या नक्सलवाद में शहादत कांग्रेस वालों ने दी। तुम्हारी विचारधारा (जनसंघ/हिंदू महासभा) ने मुस्लिम लीग के साथ सरकारें चलाईं।”

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भाजपा का समर्थन

बिहार के मंत्री दिलीप जायसवाल ने गडकरी का समर्थन करते हुए कहा कि कांग्रेस ने हमेशा गंगा-जमुनी तहजीब को जहर देने की कोशिश की और अल्पसंख्यकों में डर पैदा किया।
सोशल मीडिया पर भी बहस छिड़ गई है। एक तरफ लोग गडकरी की संस्कृति आधारित व्याख्या की तारीफ कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ विपक्ष इसे विभाजनकारी बता रहा है।

सेक्युलरिज्म की बहस भारत में सेक्युलरिज्म की अवधारणा लंबे समय से विवादास्पद रही है। संविधान में 1976 में ‘सेक्युलर’ शब्द जोड़ा गया। कांग्रेस इसे ‘धर्मनिरपेक्षता’ (राज्य का धर्म से अलगाव) मानती है, जबकि भाजपा और संघ परिवार इसे ‘सर्व धर्म समभाव’ (सभी धर्मों का समान सम्मान) कहते हैं। गडकरी का बयान इसी पुरानी बहस को नया रंग दे रहा है।यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश में राष्ट्रवाद, संस्कृति और इतिहास की व्याख्या पर राजनीतिक ध्रुवीकरण बढ़ रहा है। गडकरी, जो भाजपा के वरिष्ठ और मध्यमार्गी नेता माने जाते हैं, अक्सर विकास और संस्कृति पर संतुलित बात करते हैं, लेकिन इस बार उनका सीधा हमला कांग्रेस को रक्षात्मक स्थिति में ला सकता है।

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