लखनऊ यूनिवर्सिटी में रोहित वेमुला की पुण्यतिथि मनाने के लेकर भिड़े आइसा-एबीवीपी के छात्र, लगे जय श्रीराम के नारे

लखनऊ यूनिवर्सिटी (Lucknow University) में मंगलवार को रोहित वेमुला की पुण्यतिथि (Rohit Vemula Death Anniversary) मनाने को लेकर छात्रों के 2 गुटों के बीच भिड़ंत हो गई। यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से कार्यक्रम के आयोजन की परमिशन न मिलने पर आक्रोशित छात्रा प्रशासनिक भवन के पास इकट्ठा हुए थे। इसी दौरान आइसा और एबीवीपी के छात्र एक-दूसरे से भिड़ गए। एबीवीपी के छात्रों पर जय श्री राम का नारा लगाने और हमला करने का आरोप लगा है। कैंपस में हुई इस भिड़ंत के बाद पुलिस को दखलंदाजी करनी पड़ी। पुलिस ने लाठीचार्ज कर दोनों छात्र गुटों को अलग किया है।

प्रॉक्टर ने नहीं दी कैंपस में पुण्यतिथि मनाने की परमिशन

दरअसल, 17 जनवरी 2016 को रोहित वेमुला ने फांसी लगाकर आत्महत्या की थी। उस समय यह मामला काफी गरमाया था। रोहित वेमुला के निधन की बरसी पर कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय परिसर में किया गया था। हालांकि, प्रॉक्टर राकेश द्विवेदी ने यूनिवर्सिटी कैंपस में पुण्यतिथि मनाने की परमिशन नहीं दी थी। इसके बावजूद आइसा ने गेट नंबर पांच से मार्च निकाला और जबरदस्ती यूनिवर्सिटी में पुण्यतिथि मनाने की कोशिश की, जिसको लेकर जमकर हंगामा हुआ।

एबीवीपी समर्थक छात्र बोले- एलयू को नहीं बनने देंगे जेएनयू

आइसा से जुड़े छात्रा लखनऊ यूनिवर्सिटी के प्रशासनिक भवन के पास जमा हुए थे और विश्वविद्यालय प्रशासन पर कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति न दिए जाने को लेकर वे भेदभाव का आरोप लगा रहे थे। इसी दौरान छात्रों का दूसरा गुट प्रशासनिक भवन पर जुट गया। वह रोहित वेमुला के पक्ष में नारेबाजी करने वालों के खिलाफ नारे लगाने लगा। एबीवीपी समर्थक छात्रों का कहना है कि हम लखनऊ विश्वविद्यालय को जेएनयू नहीं बनने देंगे और जय श्रीराम के नारे लगाए।

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इसके बाद दोनों छात्र गुट आमने-सामने आ गए। मामला को गरमाता देख दोनों छात्र गुटों से जुड़े स्टूडेंट्स वहां जुटने लगे। छात्रों की बड़ी संख्या पहुंचने के बाद भिड़ंत तेज हो गई। माहौल गरमा गया। हाथापाई जैसी स्थिति को देखते हुए घटना की जानकारी पुलिस को दी गई। पुलिस कैंपस में पहुंची। दोनों गुटों के छात्रों को अलग किया जाना शुरू किया गया। भिड़ंत को हिंसक होने से रोकने के लिए पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया।

छात्रों का कहना है कि कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति दी जानी चाहिए। छात्र प्रॉक्टर के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। वहीं, विश्वविद्यालय कैंपस में सभी विचार को समान मौका दिए जाने की मांग की जा रही है। वहीं, घटना के बाद पुलिस की टीम और प्रॉक्टोरियल बोर्ड घटनास्थल पर तैनात है। माहौल को शांतिपूर्ण करार दिया जा रहा है। किसी प्रकार की मारपीट की घटना के न होने का दावा किया जा रहा है।

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