हाल ही में बागपत में एक यूपी पुलिस के एक सिपाही ने खुद को गोली मार कर आत्महत्या कर ली थी. हालाँकि पुलिस अभी तक इसी जाँच में जुटी है कि सिपाही ने आत्महत्या क्यों की? यह मामला गुरूवार को संसद में उठाया गया. अमरोहा (Amroha) से बहुजन समाज पार्टी के सांसद कुंवर दानिश अली ने गुरुवार को अपने संबोधन के दौरान इस घटना का जिक्र करते हुए मामले की सीबीआई जांच कराने की बात कही है.
संसद में गूंजा मामला
बता दें कि कुछ समय पहले ही अमरोहा जिले के तरारा गांव निवासी प्रवीण कुमार साल 2016 बैच में भर्ती हुआ था. चौकी प्रभारी एसआई भगवत सिंह व कांस्टेबल सतवीर शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी में थे. तभी उन्हें चौकी के अंदर कमरे से गोली चलने की आवाज सुनाई दी. पुलिसकर्मी कमरे में पहुंचे तो सिपाही प्रवीण का शव खून से लथपथ हालत में पड़ा मिला. सिपाही के हाथ में चौकी इंचार्ज भगवत सिंह की सर्विस रिवॉल्वर थी.
इसी मामले को संसद में उठाते हुए अमरोहा (Amroha) से बहुजन समाज पार्टी के सांसद कुंवर दानिश अली ने गुरुवार को अपने संबोधन के दौरान इस घटना का जिक्र करते हुए मामले की सीबीआई जांच कराने की बात कही है. बसपा सांसद ने आरोप लगाया कि दलित होने की वजह से एफआईआर तक नहीं लिखी गई. उन्होंने कहा कि सिपाही सतवीर सिंह की मौत की सीबीआई जांच कराई जाए.
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अमरोहा का निवासी था सिपाही
गौरतलब है कि प्रवीण कुमार अमरोहा (Amroha) जनपद के गांव तरारा का रहने वाला था और वर्ष 2016 में पुलिस विभाग में भर्ती हुआ था. वहीं, प्रवीण कुमार के परिजनों की मानें तो आत्महत्या से एक दिन पहले रात फोन पर अच्छी तरह बाते की थी और दो-चार दिन में छुट्टी लेकर घर आने के लिए बोला था.
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