उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में गोकशी की अफवाह को लेकर फैली हिंसा के मामले में पूर्व आईएएस अफसरों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इस्तीफा मांगा है. इन पूर्व आईएएस अफसरों ने पत्र लिखकर प्रदेश सरकार के खिलाफ गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुलंदशहर हिंसा को गंभीरता से नहीं लिया था. उधर अब मामले में अब बुलंदशहर में अनूपशहर से विधायक संजय शर्मा ने 83 पूर्व नौकरशाहों के नाम खुला पत्र लिखा है.
पत्र में बीजेपी विधायक ने लिखा है कि आप (पूर्व नौकरशाह) सभी को इस देश की जनता की सेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ और आपने सेवा की भी. लेकिन आपके पत्र को देखकर ऐसा लगा कि आपका कृत्य राजनीति से प्रेरित है. मुझे आपकी राष्ट्रभक्ति पर संदेह नहीं है और प्रदेश को लेकर आपकी चिंता भी वाजिब हो सकती है. लेकिन इस पत्र को लिखने से पूर्व यदि आप सभी ने घटनास्थल का दौरा कर वस्तुस्थिति व परिस्थितियों की सही जानकारी ली होती तो मुझे व प्रदेश की जनता को आपकी चिंता को लेकर शंका बिलकुल नहीं होती.
उन्होंने आगे लिखा है कि आप एक ऐसे मुख्यमंत्री पर एक समुदाय के प्रति दुर्भाव रखने का आरोप लगा रहे हैं, जिसने उसी जनपद में उस समुदाय पर इतना बड़ा 3 दिन का कार्यक्रम कराने की अनुमति दी. वह कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न भी हुआ, जैसा इस देश में आज तक कहीं नहीं हुआ. अगर सरकार कोई दुर्भाव रखती तो इस आयोजन की अनुमति ही जारी नहीं होती.
बीजेपी विधायक ने लिखा है कि बुलंदशहर की घटना में आपके चिंतनशील मस्तिष्क में सिर्फ दो मौतें दिखाई दे रही हैं. एक सुमित व एक कर्तव्यनिष्ठ पुतलिस अधिकारी की. आपको 21 गौमाता की मौत दिखाई नहीं दे रही है. यदि गौकशी नहीं हुई होती तो यह घटना भी नहीं हुई होती.
विधायक ने इन पूर्व नौकरशाहों को चुनौती देते हुए कहा है कि अगर राजनीति ही करनी है तो चुनाव लड़िए. जो पार्टियां 11 दिसंबर के बाद से आपसे पत्र लिखवा रही हैं, वो आपको टिकट जरूर देंगीं. वह खुद सरकारी नौकरी छोड़कर राजनीति में सेवा करने आए हैं, आपको सादर आमंत्रित करता हूं.
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