भारत-पाक सीमा पर तनाव का माहौल बना हुआ है. इसका अंदाजा ऐसे लगा सकते हैं कि पिछले 8 दिन में पाकिस्तान 60 बार सीजफायर का उल्लंघन कर चुका है. इसमें करीब 70 नागरिक घायल हुए. जम्मू-कश्मीर के इस हालात को लेकर बीजेपी नेता और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय का बड़ा बयान सामने आया है.
अश्विनी उपाध्याय ने शनिवार को ट्वीट करते हुए लिखा कि “जबतक श्रीनगर में दशहरा, दीवाली गणेशचतुर्थी, होली, दुर्गापूजा, जन्माष्टमी, शिवरात्रि, रक्षाबंधन, भैयादूज, गुरुपुर्णिमा, बुद्धपूर्णिमा महावीर जयंती, बैसाखी, लोहड़ी, ओणम, पोंगल, करवाचौथ, बिहू, मकरसंक्रांति और छठपूजा नहीं मनाया जाएगा, तबतक वहां अशांति रहेगी, इसीलिए आर्टिकल 35A-370 को खत्म करना जरूरी है.
उपाध्याय यहीं नहीं रुके अपने एक और ट्वीट में उन्होंने लिखा कि जबतक 100₹ से बड़ी नोट & 10 हजार से महंगे समान का कैश लेनदेन बंद करने, 1लाख से महंगी संपत्ति को आधार से लिंक करने, कालाधन बेनामी संपत्ति &आय से अधिक संपत्ति को 100% जब्त करने तथा हवालाबाजों कट्टरपंथियों को फांसी देने के लिए कानून नहीं बनेगा तब तक अलगाववाद-चरमपंथ पर नियंत्रण असंभव है.
बता दें कि आर्टिकल 35A, जम्मू-कश्मीर को राज्य के रूप में विशेष अधिकार देता है. इसके तहत दिए गए अधिकार ‘स्थाई निवासियों’ से जुड़े हुए हैं, इसका मतलब है कि राज्य सरकार को ये अधिकार है कि वो आजादी के वक्त दूसरी जगहों से आए शरणार्थियों और अन्य भारतीय नागरिकों को जम्मू-कश्मीर में किस तरह की सहूलियतें दें अथवा नहीं दें. आर्टिकल 35A, आर्टिकल 370 का ही हिस्सा है. इस धारा के कारण दूसरे राज्यों का कोई भी नागरिक जम्मू-कश्मीर में ना तो संपत्ति खरीद सकता है और ना ही वहां का स्थायी नागरिक बनकर रह सकता है.
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