बागपत के शिव भक्त बाबू खान ने हरिद्वार से तीसरी बार उठाई कांवड़, बोले- पहली बार कांवड़ लाने पर मस्जिद से हुआ था बहिष्कार

सावन के महीने में आस्था के कई रूप देखने को मिलते हैं। इस बार भी यूपी के बागपत (Baghpat) जिले के बाबू खान (Babu Khan) ने हरिद्वार की हर की पौड़ी से कांवड़ (Kanwar) उठाई है और कंध पर रखकर बोल बम का जयघोष करते नजर आए हैं। उन्हें शिवरात्रि को शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाना है, इसलिए बागपत में पुरा महादेव मंदिर पहुंचना है। बाबू खान की तरह ही भक्तों का सैलाब हरिद्वार में हर की पौड़ी के गंगा घाट पर उमड़ा हुआ है।

तीसरी कांवड़ लेकर जा रहे बाबू खान

52 साल के बाबू खान बागपत में रंछाड गांव के रहने वाले हैं। वह पेशे से मजदूर हैं। बाबू खान ने बताया कि मैं साल 2018 से कांवड़ लेकर आ रहा हूं। ये कांवड़ भोलेशंकर के नाम की थी। 2019 में दूसरी कांवड़ पार्वती माता के नाम उठाई थी। तीसरी कावंड़ 2022 में भगवान गणेश के नाम पर लेकर जा रहा हूं।

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बाबू खान ने बताया कि मैं आजादपुर मंडी दिल्ली में ट्रक चलाता था। ये 2018 की बात है। उस वक्त कांवड़ यात्रा चल रही थी। जब मैं कैराना पुलिस चौकी के नजदीक पहुंचा तो वहां पर जाम लगा हुआ था। हजारों कांवड़िए आगे चल रहे थे। वहीं पर मेरे मन में ख्याल आया कि अगर मैं भी कांवड़िया होता तो इसी तरह कांवड़ लेकर आ रहा होता।

पहली कांवड़ उठाने पर हुआ था बाबू खान का बहिष्कार

उन्होंने कहा कि जब मैं पहली बार कांवड़ लेने के लिए गया तो घर में खूब लड़ाइयां हुई। परिवार को जैसे-तैसे समझाया। 2018 में पुरा महादेव मंदिर पर जलाभिषेक करने के बाद अगले दिन मैं मस्जिद में सुबह 5 बजे वाली नमाज पढ़ने के लिए गया। वहां मेरा बहिष्कार कर दिया। मुझे मस्जिद से बाहर निकाल दिया। इसके लिए मैंने कानूनी लड़ाई लड़ी और मस्जिद से मुझे बाहर निकालने वाले कई लोग जेल भी गए थे।

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शिव मंदिर में जाकर सफाई करते हैं बाबू खान

हरिद्वार से कांवड़ लेकर आ रहे बाबू खान आज सुबह सवेरे 5 बजे गांव की मस्जिद में नमाज पढ़ते हैं और फिर शिव मंदिर पर जाकर साफ सफाई करते हैं। बाबू खान का कहना है कि मैंने इस्लाम धर्म नहीं छोड़ा है, सिर्फ कांवड़ लाने में आस्था है। इसलिए हर साल कांवड़ लेने के लिए हरिद्वार आता हूं।

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