उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में जहरीली शराब से मौतों के बाद प्रदेश सरकार फिर हरकत में आई है। मुख्य सचिव डॉक्टर अनूप चंद्र पांडेय ने सभी जिलों के डीएम और एसएसपी समेत सभी अफसरों की नए सिरे से जिम्मेदारी तय की है। साथ ही उन्होंने कहा है कि अवैध शराब बनाने या बिक्री का मामला सामने आने पर संबंधित जिले के डीएम और एसएसपी पर भी कार्यवाही की जाएगी।
हर महीने के पहले सोमवार को होगी समीक्षा
मुख्य सचिव कहा कि एसएसपी और डीएम एक संयुक्त टीम गठित कर अगले एक महीने तक सघन अभियान चलाकर अवैध और जहरीली शराब बनने और बेचने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करवाएं। इस अभियान के तहत हर शराब की दुकान पर शत-प्रतिशत स्टाफ का वेरीफिकेशन कराया जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि सघन अभियान के तहत की गई कार्रवाई की साप्ताहिक रिपोर्ट अवश्य प्रस्तुत की जाए।
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उन्होंने कहा कि हर महीने के पहले सोमवार को कानून-व्यवस्था, विकास कार्यों और कल्याणकारी योजनाओं की प्रगति की समीक्षा वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए की जाएगी। मुख्य सचिव ने कहा कि आबकारी विभाग जिला प्रशासन और पुलिस विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी कि प्रदेश के किसी भी जिले में जहरीली शऱाब से घटित होने वाली घटनाओं की पुनरावृत्ति कतई न होने पाए।
साथ ही संदिग्ध व्यक्तियों के खिलाफ अभियान चलाकर नियमों के तहत कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि मिथाइल एल्कोहल का स्टोरेज करने वालों का पुलिस सत्यापन कराकर नियमानुसार कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। इस दौरान डीजीपी ओपी सिंह, एडीजी कानून एवं व्यवस्था आनंद कुमार, प्रमुख सचिव आबकारी भी मौजूद रहे।
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बता दें कि बाराबंकी के रामनगर क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से बीमार एक और व्यक्ति की गुरुवार को मौत हो गई। तीन दिन में अबतक 22 मौतें हो चुकी है। वहीं, सीतापुर के महमूदाबाद क्षेत्र में कच्ची शराब पीने से गुरुवार को चौथी मौत हो गई।
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