बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के साहित्य विभाग में मुस्लिम शिक्षक की नियुक्ति मामले छात्रों के विरोध के चलते प्रोफेसर फिरोज खान (Firoz Khan) बैकफुट पर आ गए. उन्होने अब कला संकाय में संस्कृत बतौर साहित्य पढ़ाने की इच्छा जाहिर की है. बता दें कि फिरोज की संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में बतौर बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर हुई थी. 7 नवंबर को छात्रों ने डा. फिरोज के विरोध में आंदोलन कर दिया. करीब एक पखवारे तक चले धरना-प्रदर्शन के बाद कुलपति प्रो. राकेश भटनागर से वार्ता के बाद छात्र मान गए और धरना समाप्त कर दिया.
फिरोज खान के बैकफुट पर आने की वजह केवल छात्रों का विरोध ही नहीं वहां के शिक्षकों का लमबंद होना भी बताया जा रहा है. यहां तक कि पूर्व प्रोफेसरों ने राष्ट्रपति को पत्र भेज कर मामले में हस्तक्षेप की मांग तक कर डाली है. प्रो. रेवा प्रसाद द्विवेदी और प्रो. कमलेश दत्त त्रिपाठी ने राष्ट्रपति को भेजे तीन पृष्ठों के पत्र में कहा है कि एसवीडीवी की स्थापना विश्वविद्यालय के स्थापना काल 1915 से संसद द्वारा पारित अधिनियम के तहत हुई है. इसके धार्मिक अध्ययन का प्रावधान बीएचयू अधिनियम 1915 और संसद द्वारा संशोधित अधिनियम 1951 द्वारा आज तक संरक्षित और मूल भावना के अनुरूप चला आ रहा है. ऐसे में बीएचयू के सभी अधिनियमों के साथ ही संसद द्वारा मान्य मौलिक स्वरूप सहित एसवीडीवी की परंपरा के साथ किसी भी स्तर पर छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए.
पूर्व प्रोफेसरों ने इसके लिए पूर्व में पारित अधिनियमों का हवाला देते हुए नियुक्ति को रद्द करने की मांग की है. एसवीडीवी में डॉ. फिरोज की नियुक्ति के विरोध में छात्रों ने 16 दिनों (सात से 22 नवंबर) तक धरना दिया था. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के दखल के बाद छात्रों ने भले ही धरना समाप्त कर दिया है, परंतु इसे लेकर संघ में भी कई लोग सहमत नहीं हैं.
डा. फिरोज खान इन दिनों एलडी गेस्ट हाउस की चौथी मंजिल पर निर्मित रूम में आराम कर रहे हैं, मीडिया में कुछ जगह खबरे आईं कि फिरोज इस विवाद के चलते कहीं चले गए हैं. फिरोज ने इच्छा जताई है कि वह कला संकाय के संस्कृत विषय में अध्यापन करना चाहते हैं. लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन उन्हें 29 नवंबर को ही आयुर्वेद संकाय में शिफ्ट कर वर्तमान समस्या का समाधान करना चाहता है. कला संकाय के संस्कृत विभाग के भी एक शिक्षक ने बताया कि फिरोज खान ने उनके विभाग में मई में आई असिस्टेंट प्रोफेसर की वैकेंसी के लिए अप्लाई किया हुआ है लेकिन अभी उसके इंटरव्यू की तारीख सामने नहीं आई है.
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