बसपा में बड़ा बदलाव, मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को बनाया राष्ट्रीय संयोजक

बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने गुरुवार को पार्टी संगठन में बड़ा फेरबदल करते हुए नई जिम्मेदारियों का ऐलान किया। सबसे बड़ा बदलाव उनके भतीजे आकाश आनंद (Akash Anand) को लेकर हुआ है, जिन्हें राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर से प्रमोट कर राष्ट्रीय संयोजक बना दिया गया है। यह पद पार्टी संगठन में राष्ट्रीय अध्यक्ष के बाद दूसरा सबसे अहम पद माना जाता है। अब आकाश आनंद सीधे मायावती को रिपोर्ट करेंगे और पूरे देश में संगठन की निगरानी करेंगे।

आकाश आनंद संभालेंगे पूरे संगठन की जिम्मेदारी

कभी मायावती द्वारा उत्तराधिकारी के रूप में घोषित किए गए आकाश आनंद को एक समय पर सभी जिम्मेदारियों से हटा दिया गया था। अब उन्हें दोबारा बड़ी जिम्मेदारी सौंपते हुए संगठन के सेक्टर, केंद्रीय व राज्य स्तरीय कोऑर्डिनेटर्स और प्रदेश अध्यक्षों के कार्यों की समीक्षा करने की जिम्मेदारी दी गई है। यह बदलाव पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

छह नए राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर नियुक्त

बसपा ने राष्ट्रीय स्तर पर छह नए कोऑर्डिनेटर नियुक्त किए हैं जिनमें रामजी गौतम, राजाराम, रणधीर सिंह बेनीवाल, लालजी मेधांकर, अतर सिंह राव और धर्मवीर सिंह अशोक शामिल हैं। इन सभी को राष्ट्रीय संयोजक आकाश आनंद को रिपोर्ट करना होगा। साथ ही, कुछ को राज्य विशेष की जिम्मेदारी भी दी गई है जैसे रामजी गौतम को दिल्ली, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और बिहार का प्रभारी बनाया गया है।

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 विश्वनाथ पाल को दोबारा यूपी की कमान

मायावती ने देशभर के प्रदेश अध्यक्षों की भी घोषणा कर दी है। उत्तर प्रदेश की कमान एक बार फिर विश्वनाथ पाल को सौंपी गई है। अन्य राज्यों में नियुक्त नेताओं में दिल्ली से राजेश तंवर, मध्य प्रदेश से रमाकांत पिप्पल, छत्तीसगढ़ से श्याम टंडन, बिहार से शंकर महतो और महाराष्ट्र से डॉ. सुनील डोंगरे शामिल हैं। दक्षिण भारत और पूर्वोत्तर के राज्यों में भी नए चेहरे जिम्मेदारी संभालेंगे।

नए प्रदेश अध्यक्षों की लिस्ट 

दलित राजनीति को मजबूती देने की तैयारी

इन बदलावों को बसपा के संगठन को नए सिरे से खड़ा करने और आगामी चुनावों की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है। पार्टी ने उत्तर और दक्षिण भारत दोनों में अपना संगठनिक ढांचा मज़बूत करने का प्रयास किया है। अब देखना होगा कि यह नई टीम पार्टी को कितनी मजबूती दे पाती है और क्या मायावती की रणनीति पार्टी को पुनर्जीवित कर पाएगी।

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