बड़ा फैसला : लोकसभा में वेल में जाकर हंगामा मचाने वाले सांसद होंगे सस्‍पेंड

संसद सत्र के दौरान लोकसभा की कार्यवाही में अक्‍सर हंगामा करते सांसदों को आपको खूब देखा होगा, लेकिन अब इस पर संभवत: लगाम लग सकती है. संसद में लगातार हंगामे के कारण कामकाज में आ रही बाधा पर लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने बड़ा फैसला लिया है. जिसके अनुसार अपनी सीट पर खड़े होकर हंगामा करने वाले सांसदों पर सांसदों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. सिर्फ यही नहीं, अब संसद के वेल में जाने वाले सांसदों का निलंबन भी होगा. लोकसभा में कांग्रेस के नेता मलिल्कार्जुन खड़गे ने इस फैसले को अगले लोकसभा पर छोड़ने के लिए पत्र लिखा था. लेकिन कमेटी ने उसे दरकिनार करते हुए यह फैसला लिया.

 

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राफेल डील के चलते होता है हंगामा, मॉनसून सत्र भी रहा ठंडा

आपको बता दें कि संसद में हंगामें के चलते लगातार संसदीय कामकाज प्रभावित होता रहा है . साल के शुरुआत बजट सत्र से हुई जो पूरी तरह हंगामे की भेंट चढ़ गया. इसके बाद संसद के मॉनसून सत्र में भी बहुत ज्यादा कामकाज नहीं हो सका. इसके बाद मौजूदा समय में चल रहे शीतकालीन सत्र राफेल डील पर हंगामेदार होता दिख रहा है. शीतकालीन सत्र में अब तक राज्यसभा में कोई सरकारी कामकाज नहीं हो सका है. वहीं लोकसभा से सरोगेसी और ट्रांसजेंडर व्यक्तियों से जुड़े विधेयकों को मंजूरी मिल गई है. जबकि संसद के बजट सत्र में आंध्र प्रदेश के लिए विशेष दर्जे की मांग गूंजती रही और दोनों सदनों में गतिरोध बना रहा.

 

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हंगामे की भेंट चढ़ गया बजट सत्र

इस साल का पूरा बजट सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया था. इस सत्र के दौरान लोकसभा में करीब 28 विधेयक पेश किए जाने थे, वहीं राज्यसभा के एजेंडे में 39 विधेयक शामिल थे. लोकसभा में सिर्फ 5 विधेयक ही पारित किए जा सके जिनमें वित्त विधेयक भी शामिल है. वहीं राज्यसभा से सिर्फ एक विधेयक ही पारित हो सका. कामकाज के लिहाज से यह सत्र बीते 10 साल का सबसे हंगामेदार सत्र साबित हुआ. इस सत्र से पहले एनडीए का हिस्सा रही टीडीपी ने तो मोदी सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए खुद को बीच सत्र में सरकार से बाहर कर लिया. लोकसभा से लेकर राज्यसभा तक आंध्र प्रदेश के लिए विशेष दर्जे की मांग को लेकर टीडीपी, वाईएसआर कांग्रेस ने सदन के भीतर-बाहर प्रदर्शन किया और कामकाज पूरी तरह बाधित रहा.

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