बरेली (Bareilly) के भुता क्षेत्र में पकड़े गए अब्दुल मजीद धर्मांतरण गिरोह (Abdul Majeed Conversion Gang) को लेकर खुफिया एजेंसियों और पुलिस सतर्क हो गई हैं। छांगुर गिरोह जैसी कार्यप्रणाली अपनाने वाले इस नेटवर्क पर पाकिस्तान समेत अन्य देशों से फंडिंग की आशंका जताई जा रही है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि जांच पूरी होने पर ही इस संबंध में स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। मजीद और उसकी पत्नी के खातों में 13 लाख रुपये से ज्यादा का लेनदेन सामने आया है, जबकि चार आरोपियों के पास कुल 21 बैंक खाते मिले हैं।
सोशल मीडिया के ज़रिये कट्टरपंथ फैलाने की कोशिश
मजीद गिरोह की खास रणनीति सोशल मीडिया के माध्यम से कट्टर विचारधारा का प्रचार-प्रसार करना थी। गिरोह के सदस्यों ने कई व्हाट्सऐप और फेसबुक ग्रुप बनाए थे, जिनमें जाकिर नाइक और पाकिस्तानी प्रचारकों की वीडियो-ऑडियो फाइलें साझा की जाती थीं। मुस्लिम झुकाव वाले हिंदू लेखकों की सामग्री और समुदाय विशेष की लड़कियों के फोटो-वीडियो भी इन ग्रुपों में डाले जाते थे। ग्रुप में हिंदू युवाओं को जोड़कर उनसे चैट की जाती थी, जिससे मानसिक प्रभाव डाला जा सके।
धर्म परिवर्तन के लिए सुनियोजित टारगेटिंग और लालच
गिरोह खासतौर से तलाकशुदा, अकेले रहने वाले या मानसिक रूप से परेशान व्यक्तियों को अपना निशाना बनाता था। उन्हें भावनात्मक रूप से प्रभावित कर मूल धर्म को समस्याओं की जड़ बताया जाता था। इसके बाद नकद सहायता, मोबाइल फोन, कपड़े, खाना और शादी या नौकरी के झूठे वादों के ज़रिये धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित किया जाता था। इस दौरान जाकिर नाइक और ईआर मिर्जा की वीडियो को मुख्य हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जाता था।
बैंकिंग और डिजिटल सबूतों की जांच जारी
पूरे मामले में गिरोह के पास मिली रकम उनकी आर्थिक स्थिति से कहीं अधिक पाई गई। दर्जी का काम करने वाले सलमान के नाम पर 12 बैंक खाते मिले हैं, जिनमें से छह उसकी पत्नी के नाम पर हैं। अन्य आरोपियों आरिफ और फहीम के भी बैंक खातों की जांच की जा रही है। पुलिस ने सभी मोबाइल, लैपटॉप और डिजिटल डिवाइसेज़ को कब्जे में लेकर डाटा सुरक्षित किया है। कॉल डिटेल्स और सोशल मीडिया संपर्कों की गहराई से जांच की जा रही है।
विदेशी लिंक की पुष्टि नहीं, लेकिन जांच जारी
एसपी दक्षिणी अंशिका वर्मा के अनुसार, अब्दुल मजीद ने देश के कई राज्यों में यात्रा की है, हालांकि विदेश यात्रा का कोई सीधा प्रमाण नहीं मिला है। गिरोह के बैंक खातों, मोबाइल नंबरों और डिजिटल संपर्कों की जांच जारी है। एजेंसियों का कहना है कि अभी विदेशी फंडिंग या आतंकी लिंक की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन कई नए संदिग्धों की पहचान की गई है और उनकी गिरफ्तारी की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी।