देशद्रोह के आरोपियों की रिहाई की मांग पर BJP नेता का लखनऊ में पोस्टर, लिखा- नए कानून से इन्हें छोड़कर बाकी सब किसान खुश

नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों का आंदोलन चल रहा है. इस दौरान गुरुवार को दिल्ली के टीकरी बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों के स्टेज पर आपत्तिजनक बैनर दिखाई दिए थे. इस बैनर में जेल में बंद देशद्रोह के आरोपियों को क्रांति का नायक बताते हुए रिहा करने की मांग की गई थी. गुरुवार को दिल्ली के टीकरी बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों के स्टेज पर आपत्तिजनक बैनर दिखाई दिए थे. इस बैनर में जेल में बंद देशद्रोह के आरोपियों को क्रांति का नायक बताते हुए रिहा करने की मांग की गई थी. वहीं इन पोस्टर्स के जवाब में भाजपा के युवा नेता आशीष सिंह माही (Ashish Singh Mahi) ने लखनऊ में पोस्टर लगवाकर कहा कि ऐसे लोगों को छोड़कर बाकी देश के सभी किसान नए कानून से खुश हैं.


क्या लिखा है पोस्टर में ?

भाजपा नेता आशीष सिंह माही ने पोस्टर में लिखा, “अगर पुराने कृषि कानून नियम इतने अच्छे थे तो हर साल सैकड़ों आत्महत्या करने वाले किसान कौन थे ?”. पोस्टर में आगे लिखा, “सिर्फ शरजील इमाम के शुभचिंतकों को छोड़कर देश के सारे किसान नए कृषि कानूनों से खुश हैं”.


आपको बता दें गुरुवार को दिल्ली के टीकरी बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों के स्टेज पर आपत्तिजनक बैनर दिखाई दिए थे. इस बैनर में जेल में बंद देशद्रोह के आरोपियों को क्रांति का नायक बताते हुए रिहा करने की मांग की गई थी. टीकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन (Farmers Protest) के नाम पर भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां (Bhartiya Kisan Union Integration Ugrahan) भी अपना धरना दे रहा है. इसी संगठन ने बॉर्डर के पास ही अपना स्टेज बना रखा है. अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के मौके पर गुरुवार को स्टेज पर एक बैनर लगाया गया था.


शरजील, उमर खालिद के समर्थन में पोस्टर

बैनर में दंगा आरोपी उमर खालिद, शरजील इमाम (Sharjeel Imam), गौतम नवलखा, सुधा भारद्वाज, वरवरा राव और आनंद तेलतुंबडे जैसे एक्टिविस्ट के फोटो लगे थे. साथ ही उस पर लिखा था कि झूठे केसों में गिरफ्तार बुद्धिजीवियों और विद्यार्थियों को रिहा करो. वहां मौजूद लोगों ने किसान आंदोलन के नाम पर इन आरोपियों की रिहाई के नारे भी लगाए.देशद्रोह आरोपियों को अपनी गतिविधियों के लिए मंच देने वाले भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां (Bhartiya Kisan Union Integration Ugrahan) के कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए कहा कि इन लोगों ने जन और जंगल की लड़ाई लड़ी है. इसलिए सरकार ने इन्हें गलत फंसा दिया है. लोगों ने कहा कि सरकार को इन सामाजिक कार्यकर्ताओं को जल्द से जल्द रिहा कर देना चाहिए.


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