बिजनौर: वाहन चेकिंग के दौरान ‘दलित’ जाति बताने पर भड़का दारोगा, इतना पीटा कि मर गया युवक, छीन लिए 56000 रुपए

उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में वाहन चेकिंग के दौरान पुलिस की पिटाई से ग्रामीण युवक की मौत के मामले में 18 घंटे तक चले हंगामे के बाद आखिरकार कोतवाली देहात थाने में दारोगा समेत चार पुलिसवालों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। देर शाम इन सभी को लाइन हाजिर कर दिया गया। वहीं, हत्या और एससी-एसटी एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज होने के बाद ही परिजनों व ग्रामीणों ने शव का पोस्टमार्टम कराने की इजाजत दी।


दारोगा ने गालियां देते हुए पीटना शुरू कर दिया

जानकारी के मुताबिक, शनिवार दोपहर गांव लालपुर निवासी सुरेन्द्र सिंह की ओर से दर्ज कराई गई रिपोर्ट में कहा गया है, कि वह और उसका भाई विजेन्द्र सिंह 28 जून को दोपहर करीब ढाई बजे दिन में बाइक से अपने गांव से राजोपुर होते हुए नजीबाबाद रोड से कोतवाली देहात मकान का सीमेंट सरिया आदि लेने जा रहे थे। सामान के लिए 50 हजार रुपये विजेन्द्र के और 6 हजार उसके स्वयं के पास थे। जैसे ही पंजाबी ढाबे के पास पहुंचे तो वहां पर पुलिस वाहनों की चेकिंग कर रही थी।


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दरोगा ने कागज मांगे तो उसने व उसके भाई ने कहा, कि वे फोन करके 10 मिनट में कागज मंगवाते हैं। इसके बाद भाई विजेन्द्र ने फोन करके अपने बेटे पीतम को फोन करके बुलाया भी। इस पर दरोगा ने विजेन्द्र से उसकी जाति पूछी और जातिसूचक शब्दों के साथ गालियां देते हुए लात घूंसों व लाठी-डंडों से उसके सीने पर जानलेवा हमला करते रहे। उसने अपने भाई को छुड़ाने की कोशिश की तो उसे भी पीटा। करीब 20 मिनट मारपीट करने से विजेन्द्र बेहोश होने लगा।


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इसके बाद पुलिसवाले यह देख वहां से चले गए। उसने नेमप्लेट पर दरोगा नीरज कुमार, सिपाही हेमेन्द्र, हरपाल शर्मा व होमगार्ड देवेन्द्र कुमार के नाम पढ़ लिये थे। इसी बीच उसका भतीजा पीतम गाड़ी के कागज लेकर पहुंचा। बेहोशी की हालत में वे डा. दिग्विजय के यहां विजेन्द्र को लेकर पहुंचे तो उसने मृत घोषित कर दिया। सूचना पर गांव से भी लोग आ गए। वे लोग थाने शव लेकर पुलिसकर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचे तो प्रभारी निरीक्षक ने पुलिस के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने से इंकार कर दिया और हम लोगों को लाठी डंडो से हमला कर थाने से बाहर निकाल दिया।


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प्रभारी निरीक्षक अंशुमाली के मुताबिक, आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 323, 504 व एससी-एसटी एक्ट के तहत अभियोग पंजीकृत कर जांच शुरू कर दी गयी है। लालपुर निवासी विजेन्द्र की मौत के प्रकरण में जहां एक ओर संबंधित दरोगा, दो पुलिसकर्मी व एक होमगार्ड के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, वहीं इन्हें लाइनहाजिर कर दिया गया है। जिलाधिकारी सुजीत कुमार व पुलिस अधीक्षक संजीव त्यागी ने इसकी पुष्टि की है।


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