उत्तर प्रदेश से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का सफाया होगा। एक-एक सदस्य की धरपकड़ होगी। असामाजिक तत्वों को बख्शा नहीं जाएगा। उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (Deputy CM Brajesh Pathak) ने कहा कि पुलिस प्रशासन पीएफआई (PFI) के सारे मंसूबों पर पानी फेरने में जुटी है।
जरूरी थी पीएफआई पर पाबंदी
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बुधवार को जारी बयान में कहा है कि पीएफआई पर पाबंदी जरूरी थी। भाजपा सरकार आतंकवाद के लिए अपनी जीरो टोलेरेंस नीति पर अडिग है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार किसी भी दशा में आतंकी संगठन व उनके शह देने वालों को बर्दाश्त नहीं करेगी।
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गृह मंत्री ने पांच साल के लिए पीएफआई पर पाबंदी लगाई है। इसका देश व उत्तर प्रदेश की जनता स्वागत करती है। गैरसामाजिक व गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त इस संगठन पर प्रतिबंध लगाकर सरकार ने देश में अच्छा संदेश दिया। पीएफआई जैसे अन्य संगठन भी सरकार के निशाने पर हैं।
जनविरोधी संगठनों की देश में कोई जगह नहीं है। #PFI को बैन करने पर आदरणीय गृहमंत्री श्री @AmitShah जी का आभार। @myogiadityanath @PMOIndia pic.twitter.com/AW1RAPbFUf
— Brajesh Pathak (@brajeshpathakup) September 28, 2022
ताकि गैरकानूनी संगठन सिर न उठा सके
डिप्टी सीएम ने कहा कि पीएफआई व उनके सहयोगी की धरपकड़ के लिए छापेमारी की जा रही है। गिरफ्तार किए गए संगठन के सदस्यों से पूछताछ कर इनके नेटवर्क को ध्वस्त किया जा रहा है। समूचे देश से पीएफआई का सफाया होगा। पीएफआई जैसी राष्ट्र विरोधी शक्तियों को हर हाल में खत्म किया जाएगा। ताकि उनके सहयोगी भी इस घटना से सबक लें। भविष्य में इस तरह के संगठन सिर न उठा सके।
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