ट्रिप कैंसलेशन चार्ज के नाम पर अकसर ऑनलाइन कैब ऑपरेटर पर मनमाने पैसे वसूलने का आरोप लगता रहता है. लोग सोशल मीडिया पर इसकी शिकायत करते रहते हैं और कई मामलों में तुरंत रिफंड भी प्रोसेस कर दिया जाता है. हालांकि उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह के साथ ऐसा करना कैब कंपनी ऊबर को महंगा पड़ गया. उन्होंने ऊबर के खिलाफ गलत तरीके से कैंसलेशन चार्ज काटने को लेकर एफआईआर दर्ज कराई है.
प्रभारी निरीक्षक रामसूरत सोनकर ने बताया कि पूर्व डीजीपी गोमती नगर विस्तार के सेक्टर चार स्थित एशिया अपार्टमेंट में रहते हैं, उन्होंने बताया कि रविवार सुबह 10:00 बजे उन्होंने अपने आवास से कपूरथला कांपलेक्स के लिए उबर टैक्सी बुक कराई थी. 15 मिनट बाद चालक ने ट्रिप कैंसिल कर दी उनके मोबाइल पर चालक की ओर से मैसेज भी आया, बाद में उबर ने मेल करके उनकी तरफ से ट्रिप कैंसिल करने का झूठा रिकॉर्ड दिखाकर चार्ज लगा दिया. उन्होंने कहा कि चालक कैंसिल करता है तो कोई चार्ज नहीं देना पड़ता है, और उनके अकाउंट से 52.50 रुपये का चार्ज काट लिया.
पूर्व डीजीपी ने काफी देर तक इंतेजार किया और उसके बाद जब पैसे रिफंड नहीं हुए तो पूर्व डीजीपी ने गोमतीनगर थाने में जाकर कंपनी के खिलाफ तहरीर दी और धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया. प्रभारी निरीक्षक रामसूरत सोनकर ने बताया कि पूर्व डीजीपी ने ऊबर कंपनी के खिलाफ तहरीर दी थी. हमने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 (धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज कर लिया है. आगे की कार्रवाई की जा रही है.
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