‘नसबंदी से लेकर फीडिंग तक…’,आवारा कुत्तों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

SC Verdict on Stray Dogs: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को देशभर में आवारा कुत्तों को लेकर एक अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर की सड़कों से कुत्तों को स्थाई रूप से शेल्टर होम में भेजने के पहले आदेश में संशोधन करते हुए कहा है कि अब नसबंदी और वैक्सीनेशन के बाद ही कुत्तों को वापस छोड़ा जाएगा। तीन जजों की पीठ, जिसकी अध्यक्षता जस्टिस विक्रम नाथ कर रहे थे, ने यह भी स्पष्ट किया कि यह आदेश सिर्फ दिल्ली-एनसीआर नहीं बल्कि देशभर में लागू होगा।

नए दिशा-निर्देशों की मुख्य बातें:

1. नसबंदी के बाद छोड़े जाएंगे कुत्ते

कोर्ट ने कहा कि आवारा कुत्तों को पकड़कर उनकी नसबंदी और रेबीज वैक्सीनेशन किया जाएगा। इसके बाद ही उन्हें दोबारा छोड़ा जा सकेगा।

2. हिंसक और बीमार कुत्ते नहीं छोड़े जाएंगे

जो कुत्ते रेबीज से संक्रमित या हिंसक व्यवहार वाले हैं, उन्हें शेल्टर होम में ही रखा जाएगा। इन कुत्तों को खुले में छोड़ने पर पाबंदी रहेगी।

3. खुले में खाना खिलाने पर प्रतिबंध

सार्वजनिक स्थानों जैसे पार्क, सड़कों या गलियों में कुत्तों को खाना खिलाना अब पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। कोर्ट ने कहा कि इसके लिए विशेष रूप से निर्धारित स्थान बनाए जाएंगे। आदेश का उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाया जाएगा।

4. राष्ट्रीय स्तर की नीति बनेगी

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह आवारा कुत्तों को लेकर नेशनल पॉलिसी तैयार करे, ताकि पूरे देश में एक समान नियम लागू किए जा सकें।

5. सभी राज्यों को जारी होंगे नोटिस

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अब यह आदेश पूरे भारत में प्रभावी होगा। सभी राज्यों को इसके लिए नोटिस जारी किए जाएंगे।

लंबित केस होंगे सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर

देश की विभिन्न हाईकोर्ट्स में इस मुद्दे पर चल रहे सभी लंबित मामलों को अब सीधे सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित किया जाएगा, ताकि एकीकृत दृष्टिकोण अपनाया जा सके।

शेल्टर के लिए खर्च उठाएंगे पशु प्रेमी और एनजीओ

कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि जो पशु प्रेमी या एनजीओ इस मुद्दे पर कोर्ट पहुँचे हैं, उन्हें 25,000 से 2 लाख रुपये तक का योगदान शेल्टर के प्रबंधन के लिए देना होगा।

आलोचना के बाद लिया गया संशोधित फैसला

11 अगस्त को जब सुप्रीम कोर्ट ने सभी आवारा कुत्तों को शेल्टर में भेजने का आदेश दिया था, तो देशभर में भारी विरोध हुआ। इसके बाद कोर्ट ने 10 दिन के भीतर जनहित याचिकाओं पर विचार करते हुए अपना आदेश आंशिक रूप से संशोधित किया है।

कुत्तों को वैक्सीनेट कर छोड़ा जाएगा

अब प्रशासन द्वारा पकड़े गए कुत्तों को जल्द ही टीका लगाने के बाद फिर से उनके इलाकों में छोड़ा जाएगा—बशर्ते वे हिंसक या संक्रमित न हों।

नए नियमों का उल्लंघन होगा दंडनीय

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि सार्वजनिक स्थानों पर कुत्तों को खाना खिलाने या अन्य नियमों का उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई और जुर्माना लगाया जाएगा।यह फैसला आवारा कुत्तों से जुड़ी घटनाओं, जैसे कि काटने की घटनाओं, बच्चों की मौत और रेबीज संक्रमण की पृष्ठभूमि में आया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से अब देशभर में इस गंभीर समस्या से निपटने की दिशा की उम्मीद की जा रही है।

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