जब से एसएसपी कलानिधि नैथानी ने गाजियाबाद की कमान संभाली है तब से उन्होंने विभाग को आधुनिक करने की पहल शुरू की थी। जिसके बाद उन्होंने जनता से ये अपील की थी कि, छोटी मोटी दिक्कतों की शिकायत ऑनलाइन ही दर्ज कराएं। इससे समय और मेहनत दोनों बचेगी। इसी के अन्तर्गत अब लोगों को ई एफआईआर के तरीका भा गया। इस समय 1100 से अधिक ई एफआईआर दर्ज कर गाजियाबाद प्रदेश का पहला जिला बन गया है।
अब तक इतने लोगों ने कराई ई एफआईआर
अक्सर ये देखा जाता है कि छोटी मोटी दिक्कतों के लिए लोग थाने नहीं जाते। जिससे कई बार बातें बढ़ जाती है। वहीं कई थानों पर हद से ज्यादा भीड़ होने लोग वाहन शिकायत कराने जाने में आलस खा जाते हैं। इसी के चलते प्रदेश में ई एफआईआर का चलन शुरू हुआ था। जिस अभियान में गाजियाबाद पुलिस ने सबसे ज्यादा ई एफआईआर दर्ज कराकर अव्वल दर्जा हासिल कर लिया।
अगर आंकड़ों की बात करें तो वर्ष 2019 में ई-एफआईआर का आंकड़ा 250 से भी कम था। दिल्ली से नजदीकी और हॉट सिटी का दर्जा मिलने के बावजूद गाजियाबाद में ई-एफआईआर का यह आंकड़ा संतोषजनक नहीं था। लेकिन इस वर्ष 15 दिसंबर तक गाजियाबाद के लोगों ने रिकॉर्ड तोड़ 1164 ई-एफआईआर दर्ज कराकर जिले को प्रदेश का नंबर वन जिला बना डाला। इस सफलता का सारा क्रेडिट जिले में एसएसपी कलानिधि नैथानी को ही जाता है।
एसएसपी ने शुरू किया था अभियान
लोगों की दिक्कतें और पुलिसकर्मियों के बढ़ते वर्क प्रेशर को देखते हुए एसएसपी कलानिधि नैथानी ने ये कदम उठाया था। उन्होंने लोगों को ई एफआईआर करने के लिए जागरूक किया। उन्होंने लोगों से कहा था कि वाहन चोरी, वाहन लूट, सामान्य चोरी, स्नेचिंग, नाबालिग बच्चों की गुमशुदगी और साइबर अपराध से जुड़े मामलों में यूपी पुलिस के यूपीकॉप मोबाइल एप से अज्ञात के खिलाफ ई-एफआईआर दर्ज करा सकते हैं। जिसके बाद अब ये उसी का नतीजा है कि जिले ने प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है।
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