गोरखनाथ मंदिर (Gorakhnath Temple) की सुरक्षा में तैनात पीएसी जवानों पर जानलेवा हमला (Attack on PAC Personnel) करने वाले आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी (Ahmad Murtaza Abbasi) को फांसी की सजा दी गई है। बीते शुक्रवार को एनआईए/एटीएस कोर्ट ने मुर्तजा को दोषी करार दिया था। वहीं, सजा पर सुनवाई के लिए 30 जनवरी यानी आज की तारीख तय की गई थी। सोमवार को सुनवाई करते हुए एटीएस के विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण पांडेय ने दोषी अहमद मुर्तजा अब्बासी को यह सजा सुनाई है।
खुद को मानसिक बीमार बताता रहा आरोपी
इस मामले की विवेचना एटीएस को दी गई थी। विवेचक और डिप्टी एसपी संजय वर्मा ने चार्जशीट दायर की थी। कोर्ट में सरकार के खर्च पर आरोपी मुर्तजा को वकील दिया गया, जबकि अभियोजन की ओर से वादी विनय कुमार मिश्रा, घायल पीएसी जवान अनिल कुमार पासवान, गोपाल गौड़ के अलावा डाक्टर और अन्य समेत 27 गवाह पेश किए गए। उधर, आरोपी खुद को मानसिक बीमार बताता रहा, लेकिन इस संबंध में कोई सबूत न होने के कारण कोर्ट ने उसे दोषी ठहराया है।
पीएसी जवान पर किया था बांके से हमला
दरअसल, 4 अप्रैल 2022 को इस मामले की रिपोर्ट विनय कुमार मिश्र ने गोरखनाथ थाने में दर्ज कराई थी। वादी के अनुसार, गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात पीएसी जवान अनिल कुमार पासवान पर आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी ने अचानक बांके से हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था।
यही नहीं, आरोपी ने जवान से राइफल छीनने की कोशिश भी की थी, जिसकी वजह से उनकी राइफल जमीन पर गिर गई थी। इस दौरान जवान अनिल कुमार पासवान को बचाने के लिए दूसरा जवान आया तो मुर्तजा ने उसे जान से मारने की नीयत से बांके से हमला कर दिया। वहां मौजूद अन्य पुलिसकर्मियों ने घायल जवान और उनकी राइफल को उठाया।
अल्लाह-हू-अकबर चिल्लाते हुए पीएसी पोस्ट की ओर दौड़ा था आरोपी
इस बीच अहमद मुर्तजा अब्बासी नारा-ए-तकबीर, अल्लाह-हू-अकबर का नारा लगाते हुए पीएसी पोस्ट की ओर दौड़ पड़ा, जिससे लोगों वहां अफरा-तफरी मच गई थी। इस दौरान मुर्तजा के हाथ पर बांस से प्रहार किया गया, जिससे उसके हाथ से बांका गिर गया और फिर पुलिस जवानों ने उसे धर दबोचा था।