प्रयागराज जंक्शन (Prayagraj Junction) पर मंगलवार को रेलवे सुरक्षा बल (RPF), जीआरपी, चाइल्डलाइन और आस्था महिला एवं बाल विकास संस्थान की संयुक्त कार्रवाई में मानव तस्करी के एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ। जोगबनी से आनंद विहार टर्मिनल जा रही सीमांचल एक्सप्रेस में छापेमारी कर टीम ने 15 नाबालिग बच्चों को मुक्त कराया, जिन्हें कथित तौर पर पढ़ाई के बहाने लुधियाना ले जाया जा रहा था, जबकि हकीकत में उन सभी बच्चों से अवैध कार्य कराने की योजना थी।
मदरसों में पढ़ाई का झांसा
सूचना मिलने पर संस्था ने बताया कि करीब 40 बच्चों को सीमांचल एक्सप्रेस के जनरल और स्लीपर कोच में बैठाकर ले जाया जा रहा था। बच्चों को मदरसों में पढ़ाई का झांसा दिया गया था, लेकिन असल में उन्हें अवैध तरीके से काम पर लगाने की योजना थी। जैसे ही ट्रेन प्रयागराज जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर दो पर सुबह पहुंची, टीम ने घेराबंदी कर छापेमारी शुरू की। तलाशी के दौरान जनरल और स्लीपर कोच से कुल 15 बच्चों को बरामद किया गया।
बिहार के रहने वाले हैं सभी बच्चे
बचाए गए बच्चों की उम्र 10 से 17 वर्ष के बीच है और ये सभी बिहार के विभिन्न जिलों से हैं। पूछताछ में बच्चों ने बताया कि एक ठेकेदार उन्हें पढ़ाई के नाम पर लेकर जा रहा था, लेकिन किसी के पास वैध कागजात नहीं थे। चौंकाने वाली बात यह रही कि इस पूरे नेटवर्क का मास्टरमाइंड ठेकेदार कुछ बच्चों के साथ भीड़ का फायदा उठाकर फरार हो गया।
कानूनी कार्रवाई शुरू
ऑपरेशन के बाद RPF और जीआरपी ने स्टेशन के सभी प्रवेश व निकास द्वार सील कर दिए, लेकिन ठेकेदार की गिरफ्तारी नहीं हो सकी। पकड़े गए बच्चों को चाइल्डलाइन की देखरेख में सौंपा गया है, जहां उनकी काउंसलिंग की जा रही है। इंस्पेक्टर अकलेश कुमार सिंह और अमित मीना ने मामले को मानव तस्करी का संगीन अपराध बताते हुए कहा कि आरोपियों को पकड़ने के लिए एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) की टीमें गठित कर दी गई हैं।