उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव रविवार को पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए अजीत कुमार के घर पहुंचे. अखिलेश ने शहीद अजीत कुमार के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी. शहीद अजीत के परिजनों से मुलाक़ात कर अखिलेश यादव ने उन्हें ढांढस बंधाया और हरसंभव मदद का भरोसा दिया.
बता दें कि इससे पहले अजीत कुमार आजाद की बेटी ईशा से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने फोन पर बात की थी. ईशा ने प्रियंका को बताया कि वह बड़ी होकर डॉक्टर बनना चाहती है. इस पर प्रियंका गांधी ने कहा, ‘हम प्रॉमिस करते हैं कि हम आपकी मदद करेंगे’.
शहीद के भाई रंजीत कुमार आजाद ने कहा कि मैं पीएम मोदी से बात करना चाहता हूं, उन्हें बताना चाहता हूं कि कहां फॉल्ट है. इतनी बड़ी टीम जांच के लिए लगी, लेकिन उन्हें कुछ पता नहीं चल रहा है. मैं ग्रेजुएट हूं, देशहित में बात करना चाहता हूं. कहा कि, सेना में सिपाही के पद पर गरीब परिवार के बच्चे होते हैं, लेकिन उनकी शहादत का जवाब नहीं दिया जा रहा है. प्रशासन ने दो दिन के भीतर स्मारक बनवाने का वादा किया था, लेकिन अभी काम पूरा नहीं हुआ है. अखिलेश यादव ने परिजनों को ढांढस बंधाते हुए हिम्मत से काम लेने की सलाह दी. परिवार ने अखिलेश के माध्यम से आठ सूत्रीय मांगपत्र पीएम मोदी को भेजा है.
अखिलेश यादव ने कहा कि, यह दुखद घटना है, इसके खिलाफ देश में गुस्सा है. शहीद परिवार को यह यकीन नहीं हो पा रहा है कि, उनका बेटा शहीद हो गया. यह दुख कभी न खत्म होने वाला है. लेकिन हम उनके दुख बांट सकते हैं. परिवार में गुस्सा है कि ये घटना कैसे हो गई. जब सरकार पांच साल से कह रही है आतंकवाद को खत्म करेंगे. लेकिन सीमा उनके पास है. यह अभी तक नहीं चल पाया है कि कैसे यह घटना हुई. शहीदों के शव भी परिवार को पूरे नहीं मिला. आखिरकार यह घटना कैसे हुई, देश जानना चाहता है. सभी जवान गरीब परिवार के हैं, उनका सहारा बनें. सरकार ने जो वायदा उसे पूरे करें. जब कई प्रदेश सरकारों ने जवानों को एक-एक करोड़ की मदद की है, ऐसे में प्रदेश सरकार को एक करोड़ की मदद करनी चाहिए.
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