कानपुर एनकाउंटर: चौबेपुर SO विनय तिवारी निलंबित, हिरासत में लेकर STF कर रही पूछताछ, विकास दुबे को मुखबिरी करने का आरोप

कानपुर के चौबेपुर में दबिश देने गई पुलिस टीम पर हुए हमले के आरोपी दुर्दांत अपराधी विकास दुबे पर भले ही पुलिस की पकड़ से दूर है, लेकिन उसपर शिकंजा कसता जा रहा है। डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी के साथ एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार और आईजी एसटीएफ के कानपुर में कैंप करने से कार्रवाई में तेजी आ गई है। इस मामले में चौबेपुर के प्रभारी रहे विनय तिवारी (Chaubepur SO vinay tiwari) को विकास दुबे के घर पर दबिश देने में शिथिलता बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है।


आईजी रेंज कानपुर मोहित अग्रवाल ने बताया कि विनय तिवारी की छापेमारी के बारे में गैंगस्टर को पकड़ने के स्थान पर सूचना देने के संदेह पर निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो उनके खिलाफ मामला भी दर्ज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि किसी की भी इस मामले में संलिप्तता पाई गई तो उसकी तत्काल ही बर्खास्तगी के साथ ही गिरफ्तारी भी होगी।एसटीएफ ने विनय तिवारी को हिरासत में लिया है।


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सूत्रों का कहना है कि इस मामले में संदिग्ध भूमिका मिलने पर विनय तिवारी के खिलाफ भी केस दर्ज होगा। एसटीएफ ने चौबेपुर के थानाध्यक्ष विनय तिवारी को हिरासत में लिया है, जबकि वहां के थानाध्यक्ष का चार्ज पुष्पराज सिंह को दिया गया है। कानपुर में पुलिस ने 500 से अधिक मोबाइल नंबर को ट्रेस करने के लिए सर्विलांस पर लगा दिया है।


एसटीएफ को अनुमान है कि पुलिस टीम के विकास दुबे के घर पर दबिश की तैयारी को चौबेपुर थानाध्यक्ष रहे विनय तिवारी ने ही लीक किया था। विनय तिवारी (Chaubepur SO vinay tiwari) ही बुधवार को राहुल तिवारी की शिकायत पर विकास दुबे के गांव बिकारू गए थे और बताया जा रहा है कि विनय तिवारी की मौजूदगी में ही विकास दुबे ने राहुल तिवारी को पीटा था।


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विनय तिवारी ने जब बीच-बचाव का प्रयास किया तो उनका मोबाइल छीनकर विकास दुबे ने उनके साथ अभद्रता की। एसओ ने उससे पूछताछ की। जिसके चलते दोनों के बीच झड़प हुई। विकास और एसओ के बीच हाथापाई भी हो गई थी जिसके बाद पुलिस लौट आई। इसके बाद गुरुवार को पुलिस ने राहुल तिवारी की तहरीर पर एफआईआर दर्ज कर ली और उसके बाद विकास को पकडऩे के लिए सीओ बिल्हौर के नेतृत्व में दबिश के लिए ऑपरेशन तैयार किया गया।


एसटीएफ ने जांच के दौरान कल ही विकास दुबे की कॉल डिटेल भी निकवाई है। उसकी कॉल डिटेल में कई पुलिसवालों के नंबर पर कॉल की जानकारी मिली है। इस मामले में एक दरोगा, सिपाही और होमगार्ड राडार पर हैं। पुलिस की जांच में सामने आया है कि चौबेपुर थाने के ही एक दारोगा ने विकास दुबे को पुलिस के आने की जानकारी पहले ही दे दी थी। पुलिस के शक के घेरे में एक दारोगा, एक सिपाही और एक होमगार्ड है। तीनों की कॉल डिटेल के आधार पर पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है।


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