कानपुर हिंसा: योगी सरकार ने आरोपी हयात जफर हाशमी और उसके सहयोगी मोहम्मद इश्तियाक की बिल्डिंग पर चलवाया बुलडोजर

उत्तर प्रदेश में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद कई जिलों पथराव और हिंसा करने वालों के खिलाफ योगी सरकार (Yogi Government) ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। प्रशासन ने बुलडोजर की कार्रवाई शुरू कर दी है। शनिवार की सुबह प्रशासन ने कानपुर हिंसा (Kanpur Violence) के मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी (Hayat Zafar Hashmi) के स्वरूप नगर स्थित आवास पर बुलडोजर चलाकर कार्रवाई की है। इसके अलावा जफर हाशमी के एक और साथी मोहम्मद इश्तियाक (Mohammed Ishtiaq) के आवास पर भी प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर कार्यवाही की है। इस कड़े कार्रवाई के दौरान कानपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी (केडीए) के कर्मचारियों के साथ भारी पुलिस फोर्स और कई बड़े अधिकारी मौजूद रहें।

जानकारी के अनुसार, ये बिल्डिंग अवैध रूप से बनी थी और इसको ढहाने का आदेश पहले ही हो चुका था। इस बिल्डिंग का स्वरूप नगर में केडीए सचिव बंगले के सामने इश्तियाक ने अवैध रूप से निर्माण कराया था, जिसे केडीए ध्वस्त कर रहा है। यह बिल्डिंग नक्शे के विपरीत निर्मित की गई थी।

बता दें कि बीते दिनों की हिंसा के पीछे मास्टर माइंड हयात जफर हाशमी का मोहम्मद इश्तियाक रिश्तेदार बताया जा रहा है। मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी सहित जावेद अहमद खान, मोहम्मद राहिल और मो. सूफियान को पुलिस ने लखनऊ के हजरतगंज से गिरफ्तार किया था।

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कानपुर हिंसा 3 जून को जुमे की नमाज के बाद कानपुर में हिंसा भड़क गई थी। पूर्व बीजेपी नेता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मुहम्मद पर कथित तौर पर दिए गए विवादित बयान को लेकर विरोध करने के लिए 3 जून को मुस्लिम संगठनों द्वारा कानपुर में एक जुलूस का आयोजन किया गया था। इस दौरान दुकान बंद करने को लेकर दो समुदायों के बीच मामूली बहस बाजी शुरू हो गई और देखते ही देखते इस बहस बाजी ने एक बड़े हिंसा का रूप ले लिया।

हालात को काबू में करने के लिए मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल पहुंची मगर उपद्रवियों ने इस दौरान पुलिस फोर्स पर भी जमकर पत्थरबाजी की। काफी कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने किसी तरह इलाके में हालात पर काबू पाया। उपद्रवियों ने आसपास के बाजारों में मौजूद कई दुकानों को बुरी तरह नुकसान पहुंचाया।

इस मामले की जांच के लिए यूपी सरकार ने एक एसआईटी का भी गठन किया है। वहीं, इस मामले में अब तक पुलिस ने 50 आरोपियों को गिरफ्तार किया है जबकि 400 से अधिक संदिग्ध लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है।

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