लखनऊ: साइबर अपराधियों के निशाने पर 2 IAS अफसर, फर्जी आईडी बनाकर सगे-संबंधियों से मांगे पैसे, FIR दर्ज

इन दिनों राजधानी लखनऊ (Lucknow) के 2 आईएएस अफसर साइबर फ्रॉड (Cyber Fraud) के निशाने पर हैं। क्रिमिनल्स ने दोनों आईएएस अफसरों के नाम से फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर परिचितों से पैस की डिमांड की है। साइबर फ्रॉड के शिकार अफसरों में प्रमुख सचिव नमामि गंगे अनुराग श्रीवास्तव (IAS Anurag Srivastava) और विशेष सचिव भूतत्व एवं खनिकर्म विजय कुमार (IAS Vijay Kumar) शामिल हैं। दोनों अफसरों ने साइबर क्राइम थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। वहीं, पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।

फर्जी आईडी बनाकर सगे-संबधियों से मांगे पैसे

इस मामले में विशेष सचिव ने साइबर क्राइम पुलिस को बताया कि 23 मई की रात फर्जी फेसबुक आईडी से उनके कई सगे-संबंधियों को मैसेज भेजा गया है। मैसेज में इमरजेंसी बताकर रुपए की मांग की गई। जब परिचितों का फोन आया तब वह हैरान रह गए। फ्रॉड की आशंका होने के बाद साइबर क्राइम थाने में संपर्क किया। साइबर क्राइम थाना के प्रभारी निरीक्षक बृजेश यादव का कहना है कि मामला दर्ज कर लिया गया है। कार्रवाई की जाएगी।

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प्रमुख सचिव बोले- संगे संबंधियों को धमकाया

इधर प्रमुख सचिव नमामि गंगे अनुराग श्रीवास्तव के नाम से जो फर्जी आईडी बनाई गई थी इससे पहले पैसे की मांग की गई। पैसा नहीं देने पर सगे-संबंधियों को धमकाया भी गया। मामले में विनम्रखंड निवासी राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन आईटी सेल के प्रबंधक प्रदीप कुमार तिवारी ने FIR दर्ज कराई है। प्रदीप का कहना है कि प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव के नाम पर पहले भी फर्जी आईडी से लोगों से पैसे मांगे गए हैं।

फर्जी आईडी बनाकर पैसा लूटने का सिलसिला काफी दिनों से चल रहा है। 21 नवंबर को भी अनुराग श्रीवास्तव के मोबाइल फोन पर मैसेज आया था। उनके एसबीआई क्रेडिट कार्ड से विदेशी मुद्रा में 49,999 रुपये का ट्रांजेक्शन किया गया। इस पर उन्होंने ऐप के माध्यम से क्रेडिट कार्ड ब्लॉक करने का प्रयास किया, लेकिन वह ब्लॉक नहीं हो सका। इस पर उन्होंने बैंक से संपर्क करते हुए कार्ड और खाते को ब्लॉक करवाया।

आरोपी आईएएस अनुराग श्रीवास्तव के पहचान का उपयोग करते हुए लोगों को भ्रामक संदेश भेज रहा है। जिससे प्रमुख सचिव की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंच रही है। वहीं, उनके परिचितों और मित्रों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। प्रदीप ने बताया कि आरोपी एक लिंक से मैसेज भेजकर वसूली कर रहा है।

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