सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को तोड़-मरोड़ कर पेश ना करे मीडिया, कटी पतंग ना बने तो अच्छा होगा: मायावती

बहुजन समाजवादी पार्टी के शासनकाल में हाथियों और मूर्तियों पर हुए खर्च पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी पर बसपा चीफ मायावती ने मीडिया से मांग की है कि वो सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को तोड़-मरोड़कर न दिखाए. मायावती ने यह मांग ट्विटर के माध्यम से की है.


बसपा सुप्रीमों ने अपने ट्वीट में लिखा “मीडिया कृपया करके माननीय सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को तोड़-मरोड़ कर पेश ना करे. माननीय न्यायालय में अपना पक्ष ज़रूर पूरी मजबूती के साथ आगे भी रखा जायेगा. हमें पूरा भरोसा है कि इस मामले में भी मा. न्यायालय से पूरा इंसाफ मिलेगा. मीडिया व बीजेपी के लोग कटी पतंग ना बनें तो बेहतर है”.


इसके अलावा मायावती ने अपने एक और ट्वीट में लिखा “सदियों से तिरस्कृत दलित व पिछड़े वर्ग में जन्मे महान संतों, गुरुओं व महापुरुषों के आदर-सम्मान में निर्मित भव्य स्थल / स्मारक / पार्क आदि उत्तर प्रदेश की नई शान, पहचान व व्यस्त पर्यटन स्थल हैं, जिसके आकर्षण से सरकार को नियमित आय भी होती है”



दरअसल शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने 2009 में दायर रविकांत और अन्य लोगों द्वारा दायर याचिका पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि मूर्ति और हाथियों पर जनता के पैसे को नहीं लुटाना चाहिए था. मायावती को जतना का पैसा वापस करना होगा. सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने मायावती के वकील को कहा कि अपने क्लाइंट को कह दीजिए कि सबसे वह मूर्तियों पर खर्च हुए पैसों को सरकारी खजाने में जमा कराएं.


बता दें कि यह पूरा मामला 2009 का है. जिसमें कोर्ट ने लखनऊ और नोएडा में बने पार्कों में लगाई गयीं मूर्तियाँ और हाथियों पर 2009 में रोक लगाई थी, उसे मामले में कोर्ट ने बेहद सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि बसपा चीफ सरकारी कोष यह सभी पैसा जमा कराना पड़ेगा.


Also Read: गोमती रिवर फ्रंट घोटाला: कैग रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, अखिलेश सरकार ने बिना विज्ञापन निकाले ही बाँट दिए थे टेंडर


( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )