रक्षक कल्याण ट्रस्ट अराजपत्रित पुलिस वेलफेयर एसोसिएशन को थाने के स्टाफ की तरफ से भेजे पत्र से मेरठ पुलिस (Meerut Police) की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गई है। यह मामला लखनऊ तक गूंजा तो सीओ ने 2 घंटे में जांच रिपोर्ट पेश की। इसके बाद एसएसपी रोहित सिंह सजवाण (SSP Rohit Singh Sajwan) ने कार्यवाहक एसओ को हटा दिया। वहीं, मामले में शिकायत करने वाली दोनों महिला सिपाहियों (Two Lady Constable) को लाइन हाजिर कर दिया गया।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ पत्र
दरअसल, सोशल मीडिया पर वायरल हो र हे पत्र पर जांच कराकर एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने यह कार्रवाई की है। मेडिकल थाने के कार्यवाहक थाना प्रभारी पर महिला सिपाहियों ने गंभीर आरोप लगाकर रक्षक कल्याण ट्रस्ट अराजपत्रित पुलिस वेलफेयर एसोसिएशन को पत्र भेजा। इसके साथ ही पत्र को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।
महिला सिपाहियों ने थाना प्रभारी और एक महिला सिपाही के रिश्ते पर भी सवाल उठाए हैं। वहीं, कार्यावहक थाना प्रभारी का कहना है कि महिला सिपाही काम नहीं करती हैं। काम को कहा जाए तो गैरहाजिर हो जाती हैं। गैरहाजिर होने पर महिला सिपाही का थाने की जीडी में तस्करा भी डाला गया है। इसी रंजिश में छवि को बदनाम करने के लिए महिला सिपाही साजिश कर रही हैं।
महिला सिपाहियों पर अनुशासनहीनता का आरोप
एसएसपी ने सोशल मीडिया पर वायरल पत्र की जांच सीओ सिविल लाइन को सौंपी। सीओ अरविंद चौरसिया ने बताया कि कार्यवाहक थाना प्रभारी पर लगाए गए आरोपों की जांच में सामने आया है कि थाने की 2 महिला सिपाहियों ने शिकायत पत्र वायरल किया है। अगर महिला सिपाही को कोई शिकायत थी तो सीधे आला अधिकारियों को अवगत करातीं। दोनों महिला सिपाहियों के खिलाफ अनुशासनहीनता की रिपोर्ट भेजी जा रही है।
वहीं, मेडिकल थाने के प्रभारी अखिलेश गौड़ के हटाए जाने के बाद अभी तक किसी की तैनाती नहीं की गई है। तब से कार्यवाहक थाना प्रभारी ही थाने को देख रहे थे। कार्यवाहक प्रभारी की छवि पर सवाल उठने के बाद एसएसपी ने तत्काल प्रभाव से मेडिकल में दिनेश उपाध्याय की प्रभारी पद पर तैनाती की, वह नौचंदी थाने में तैनात थे।
पत्र में कही गई थी ये बात
थाने के स्टाफ की तरफ से संयुक्त रूप से एसोसिएशन को भेजे पत्र में लिखा था कि कार्यवाहक थाना प्रभारी की एक महिला कांस्टेबल से दोस्ती है। अक्सर रात के समय महिला कांस्टेबल को अपने रूम में बुलाते हैं। ऐसे में अन्य महिला सिपाहियों ने थाना प्रभारी के इस कृत्य का विरोध किया। इसके बाद थाना प्रभारी ने सभी महिला सिपाहियों के बीच में बैठकर मोबाइल में आपत्तिजनक वीडियो देखना शुरू कर दिया। साथ ही अश्लील टिप्पणी भी की।
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