महाराष्ट्र के नागपुर (Nagpur) में गर्ल्स इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन जमात-ए-इस्लामी हिंद की महिला विंग की कुछ संप्रदाय विशेष की महिलाओं को शनिवार को 15-25 साल की हिंदू लड़कियों को पर्चे बांटते और उनसे हिजाब पहनने का आग्रह करते हुए देखा गया। बांटे गए पर्चों में 15-25 साल की हिंदू लड़कियों से ‘कुरान और सुन्नत का ज्ञान फैलाने’ के लिए भी आग्रह किया गया। यह घटना कथित तौर पर नागपुर में मुख्यमंत्री आवास के पास वॉकर स्ट्रीट पर हुई। कुछ स्थानीय लोगों ने नाबालिग लड़कियों को इस तरह से हिजाब पहनाने पर आपत्ति जताई, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया गया है।
कहा जा रहा है कि नागपुर में 20 अलग-अलग जगहों पर इस तरह की घटनाएं हुई हैं। सोशल मीडिया पर शेयर किए गए वीडियो में देखा जा सकता है कि जब लोगों ने संप्रदाय विशेष की महिलाओं को इस तरह से हिंदू लड़कियों को हिजाब पहनाने से रोका, तो वे भड़क गईं। इस्लाम में महिलाओं को आमतौर पर हिजाब पहनना पड़ता है, लेकिन हिंदू लड़कियों को हिजाब पहनाने के लिए इकट्ठा हुईं ये विशेष संप्रदाय की महिलाएं स्थानीय लोगों पर चिल्लाने लगीं और उनसे बहस करने लगीं। ऐसा इसलिए क्योंकि स्थानीय लोगों ने उन्हें हिंदू लड़कियों के साथ ऐसा करने से रोका।
उस दौरान हिंदू लड़कियों में से एक नाबालिग लड़की ने कहा कि उसने अपनी मर्जी से हिजाब पहना है। खास बात यह है कि हिंदू लड़कियों को हिजाब पहनने के लिए 4 सितंबर को जो पर्चे बांटे गए, उसमें हिजाब दिवस लिखा गया था। जबकि तथाकथित विश्व हिजाब दिवस हर साल 1 फरवरी को पड़ता है। इसके बाद स्थानीय लोग शिकायत दर्ज कराने थाने पहुंचे। स्थानीय लोगों में से एक शख्स ने कहा कि वे सीएम आवास के पास टहलने गए थे, जहां उन्होंने देखा कि हिजाब पहने हुए 15-20 संप्रदाय विशेष की महिलाओं ने 3-4 हिंदू लड़कियों को रोका और उनसे हिजाब पहनने का आग्रह करने लगीं।
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उन्होंने कहा कि जब हमने उन्हें ऐसा करने से रोका तो वे कहने लगीं कि 4 सितंबर ‘विश्व हिजाब दिवस’ था और इस दिन कोई भी हिजाब पहन सकता है। उन्होंने कहा कि कुछ महिलाओं ने यहां तक दावा किया कि वे हिंदू हैं और अपनी मर्जी से हिजाब पहन रही हैं, लेकिन वो झूठ बोल रही थीं। जब संप्रदाय विशेष की महिलाएं वहां से चली गईं तो हमने हिंदू लड़कियों को हिजाब उतारने को कहा। शिकायत करने वाले लोगों ने बताया कि ये संप्रदाय विशेष की महिलाएं फिर सीएम बंगले की ओर थोड़ा आगे बढ़ीं, जहां उनके पति या भाई स्कूटर पर उनका इंतजार कर रहे थे। वे तुरंत स्कूटर पर बैठकर वहां से चली गईं।
स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्होंने इस बारे में पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद वह मौके पर पहुंच गई। संप्रदाय विशेष की महिलाओं द्वारा बांटे गए पर्चे पुलिस को सौंप दिए गए हैं। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के एक नेता ने कहा कि वे इस तरह की घटनाओं की निंदा करते हैं और यह शर्म की बात है कि नागपुर में ऐसी स्थिति पैदा हो गई है, जो अफगानिस्तान में तालिबानी शासन के दौरान देखने को मिल रही है।
बता दें गर्ल्स इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन जमात-ए-इस्लामी हिंद की महिला विंग है, जो एक इस्लामिक संगठन है। इसका गठन 1948 में जामिया नगर दिल्ली में हुआ था। यह जमात-ए-इस्लामी के एक ऑफ-शूट के रूप में स्थापित किया गया था, जिसे 1947 में भारत के विभाजन के बाद अलग-अलग संगठनों में विभाजित किया गया था। जमात-ए-इस्लामी हिंद को भारत सरकार द्वारा दो बार प्रतिबंधित भी किया जा चुका है।
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